‘बच के रहअ बहे शीत लहरिया’ नाटक की हुई प्रस्तुति।
अनुज श्रीवास्तव/रंजीत सिन्हा
बिहर/फुलवारी शरीफ। सर्वमंगला सांस्कृतिक मंच के साप्ताहिक नुक्कड़ नाटक की श्रृंखला में महेश चौधरी द्वारा लिखित एवं मिथिलेश कुमार पांडे द्वारा निर्देशित नाटक- “बच के रहअ बहे शीतलहरिया” की प्रस्तुति वाल्मी, फुलवारीशरीफ में की गई।
नाटक की शुरुआत सौरभ राज के स्वरबद्ध गीत- शीतलहर में घर से बाहर न निकलह ठंडा से बच के तू घरवे में रहीह ना त लग जाई ठंडा ए भैया… से शुरुआत की गई।
नाटक के माध्यम से लोगो को यह सलाह दी गई कि अनावश्यक रूप से घर से बाहर नहीं जाएं। खासकर बूढ़े, बच्चे, ब्लड प्रेशर, शुगर और हार्ट के मरीजों के लिए शीतलहर जानलेवा होता है। ठंड में ब्रेन हेमरेज की भी संभावनाएं बढ़ जाती है इसलिए रोग प्रतिरोधक क्षमता बनाए रखने के लिए विटामिन सी से भरपूर फल और सब्जियां खाएं। गर्म तरल पदार्थ नियमित रूप से पिए जैसे अदरक, हल्दी, तुलसी, आँवला, नींबू, संतरा, अमरुद, लहसुन, चिकेन सूप, पनीर चिल्ली, शिमला मिर्च, गरम मसाला और खजूर को गर्म दूध में गला कर खाएं। इससे ठंड से लड़ने के लिए शरीर की गर्मी बनी रहेगी। रूम हिटर, ब्लोअर, जलती हुई लालटेन, दीया, मोमबत्ती, बोरसी और कोयले की आग का प्रयोग करते समय धुएं के निकास का उचित प्रबंध कर लें। उसके उपयोग के बाद उसे अच्छी तरह बुझा दें। बच्चों को सरसों तेल में ज़ाफर को रगड़कर उसे मालिश करने से उसका शरीर गर्म रहता है। जहां तक हो सुसुम पानी से नहाए क्योंकि स्नान करने के गलत तरीके से भी ब्रेन हेमरेज हो सकता है इसलिए स्नान करते समय सिर पर सीधे ठंडा पानी नहीं डालें। पैर से होते हुए ऊपर की ओर डालें। पशुओं को ठंड से बचाने के लिए घर के अंदर रखें और रात में आवास के चारों तरफ से बंद कर दें। जानवरों को बैठने के लिए बथानी को साफ-सुथरा रखें और जूट के बोड़े से पूरे शरीर को ढक कर रखिए। गर्म दूध में हल्दी, मीठा और उसके आहार एवं खान-पान में वृद्धि कर दें।
नाटक के कलाकार महेश चौधरी, मिथिलेश कुमार पांडे, सौरभ राज, अमन, करण, नमन, प्रमोद, राहुल, रोहित, उत्सव, पूजा, स्वेता कुमारी थी।