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“भारत में पाकिस्तानी ISI की जिहादी घुसपैठ: वीज़ा नीति से लव जिहाद तक — राष्ट्र सुरक्षा पर सबसे बड़ा संकट”

"भारत में पाकिस्तानी वीज़ा नीति और ISI की साजिशें: एक सुरक्षा विश्लेषण"

“आधी रोटी खायेंगे, पाकिस्तान जायेंगे, पेट में बच्चा लायेंगे, मुजाहिद उसे बनाएंगे”

लेखक: रविंद्र आर्य
(भारतीय लोकसंस्कृति, इतिहास और सामरिक चेतना के स्वतंत्र विश्लेषक पत्रकार)

भूमिका
भारत और पाकिस्तान के बीच 1947 से चले आ रहे ऐतिहासिक, सांस्कृतिक और धार्मिक तनावों के बीच भारतीय वीज़ा नीति सदैव मानवीय दृष्टिकोण से उदार रही है। लेकिन इस उदारता का फायदा पाकिस्तान की कुख्यात खुफिया एजेंसी ISI (इंटर – सर्विसेज इंटेलीजेंस) और इस्लामिक आतंकी संगठनों ने उठाकर भारत की आंतरिक सुरक्षा, सामाजिक ताने-बाने और आर्थिक ढांचे को तोड़ने की दिशा में लगातार साजिशें रची हैं।

इस लेख में हम विस्तारपूर्वक समझेंगे कि भारत की वीज़ा नीति, पाकिस्तानी महिलाओं की रणनीति, लव जिहाद, नकली नोट, PFI जैसे कट्टर संगठनों का भारत में नेटवर्क, खालिस्तान से गठजोड़ और रोहिंग्या-घुसपैठ जैसे अनेक पहलू कैसे भारत की एकता, संप्रभुता और सुरक्षा के लिए गंभीर खतरा बने हुए हैं।

भारत द्वारा पाकिस्तान के लिए दी गई 16 वीज़ा प्रकार

भारत द्वारा पाकिस्तानी नागरिकों के लिए पूर्व में जारी की गई प्रमुख निम्नलिखित वीज़ा श्रेणियां लागू कीं

* डिप्लोमैटिक वीज़ा
राजनयिक अधिकारियों के लिए।
* आधिकारिक वीज़ा
सरकारी कर्मचारियों के लिए।
* व्यवसायिक वीज़ा
व्यवसायिक उद्देश्यों के लिए।
* पर्यटक वीज़ा
पर्यटन के लिए।
* छात्र वीज़ा
भारत में अध्ययन के लिए।
* मेडिकल वीज़ा
चिकित्सा उपचार के लिए।
* मेडिकल अटेंडेंट वीज़ा
मरीज के साथ आने वाले सहयोगियों के लिए।
* सम्मेलन वीज़ा
सम्मेलनों में भाग लेने के लिए।
* पत्रकार वीज़ा
मीडिया कर्मियों के लिए।
* फिल्म वीज़ा
फिल्म निर्माण से संबंधित उद्देश्यों के लिए।
* पर्वतारोहण वीज़ा
पर्वतारोहण गतिविधियों के लिए।
* ट्रांज़िट वीज़ा
भारत से होकर अन्य देशों की यात्रा करने वालों के लिए।
* तीर्थयात्रा वीज़ा
धार्मिक स्थलों की यात्रा के लिए।
* समूह तीर्थयात्रा वीज़ा
समूह में धार्मिक स्थलों की यात्रा के लिए।
* समूह पर्यटक वीज़ा
पर्यटन के लिए समूहों के लिए।
* दक्षिण एशियाई क्षेत्रीय सहयोग संगठन (SAARC) वीज़ा
SAARC देशों के नागरिकों के लिए विशेष वीज़ा।

ISI का एजेंडा:
इन्हीं वीज़ा श्रेणियों के जरिए ISI अपने जासूसी, आतंकी फंडिंग, कट्टरपंथी प्रचार और OGW (ओवर ग्राउंड वर्कर) नेटवर्क को भारत में गहराई से बैठा चुका है।

OGW नेटवर्क और मुस्लिम महिलाओं की भूमिका

पाकिस्तानी खुफिया एजेंसी ISI और उसके प्रॉक्सी आतंकी संगठनों ने मुस्लिम महिलाओं को एक रणनीतिक हथियार के तौर पर प्रयोग किया है।

* नारा:
“आधी रोटी खायेंगे, पाकिस्तान जायेंगे, पेट में बच्चा लायेंगे, मुजाहिद उसे बनाएंगे” — यह नारा केवल शब्द नहीं, बल्कि ISI की रणनीति का सार्वजनिक चेहरा है।

* लव जिहाद और हनी ट्रैप:
मुस्लिम युवक हिन्दू नामों से हिंदू लड़कियों को प्रेमजाल में फंसा कर शादी और धर्मांतरण कर रहे हैं। महिलाएं OGW बनकर सेना की सूचनाएं लीक करती हैं।

* पाकिस्तानी महिलाएं (एंट्री वीसा और मेडिकल वीसा से भारत प्रवेश):
सीमा हैदर केस इसका ताजा उदाहरण है। नेपाल के रास्ते आई पाकिस्तानी महिला ने हिंदू युवक से विवाह किया और संदिग्ध नेटवर्क में शामिल हुई।

* नेपाल बॉर्डर मदरसा नेटवर्क:
ISI ने भारत-नेपाल सीमा पर 500 से अधिक मदरसे बनवाए हैं, जिनके जरिए जिहादी ब्रेनवॉश, हवाला, फंडिंग और घुसपैठ का संचालन होता है।

ISI का अंतरराष्ट्रीय गठजोड़: खालिस्तान, अमेरिका डीप स्टेट और लेफ्ट

ISI ने भारत विरोधी वैश्विक नेटवर्क खड़ा किया है —

* खालिस्तान: ISI, BBC, आमनेस्टी, कनाडा (जस्टिन ट्रूडो सरकार), अमेरिका में गुरुद्वारा काउंसिल्स आदि के साथ मिलकर पंजाब अस्थिर किया।

* अर्बन नक्सल और वामपंथी पार्टियाँ: CAA-NRC विरोध, शाहीन बाग आंदोलन, किसान आंदोलन — सबमें पाकिस्तान-समर्थित लॉबी सक्रिय थी।

* PFI (पॉपुलर फ्रंट ऑफ़ इंडिया): ISI फंडिंग से CAA विरोध, दंगे, हिंदुओं पर हमले, आरएसएस कार्यकर्ताओं की हत्याएँ करवाईं।

* बांग्लादेश: अमेरिका डीप स्टेट और इस्लामी संगठनों के सहयोग से शेख हसीना सरकार गिराने की कोशिशें सफल।

हथियारबंद आतंकी ग्रुप: ISI के 3 बड़े संगठन

आर्थिक और सामाजिक युद्ध

* हवाला नेटवर्क – ISI समर्थित हवाला कारोबार से भारत में नकली नोट, ड्रग्स, हथियार, PFI जैसी संस्थाओं को पैसा पहुंचाया जा रहा है।

* फेक करेंसी – बांग्लादेश और नेपाल के जरिए नकली नोटों की बाढ़।

* लव जिहाद & हनी ट्रैप – खुफिया जानकारी, सैन्य ठिकानों, वैज्ञानिक संस्थानों की संवेदनशील सूचनाएँ।

* रोहिंग्या घुसपैठ – जम्मू-कश्मीर और बंगाल में अवैध बसावट और भारत के डेमोग्राफिक प्रोफाइल को बदलने की साजिश।

भारतीय एजेंसियों के सामने चुनौती और कर्तव्य

भारतीय खुफिया एजेंसियों — ATS, IB, RAW, NIA को निम्नलिखित पर निगरानी और कठोर कार्यवाही करनी होगी:

* पाकिस्तानियों के सभी वीज़ा धारकों की कड़ी जांच

* मुस्लिम महिलाओं की नेपाल-बांग्लादेश सीमा से आवाजाही पर रोक

* मदरसा नेटवर्क की स्कैनिंग और बैन

* लव जिहाद और हनी ट्रैप मामलों में विशेष टास्क फोर्स

* फेक करेंसी, ड्रग्स, हवाला रैकेट की जड़ से सफाई

• रोहिंग्या मुसलमानों का NRC के तहत निष्कासन

* PFI और सहायक संगठनों पर पूर्ण प्रतिबंध और संपत्ति जब्ती

सुबूही खान की चेतावनी और ऐतिहासिक प्रमाण

भारतीय मुस्लिम एक्टिविस्ट सुबूही खान का स्पष्ट कहना है —
“विश्व के 99% आतंकी संगठन मुस्लिम हैं। इनका अंतिम लक्ष्य काफिर (हिंदू, यहूदी, बौद्ध, ईसाई) का सफाया कर इस्लामिक स्टेट बनाना है। भारत इसका मुख्य निशाना है।”

* ISI और मुस्लिम ब्रदरहुड (MB) का गठजोड़
* जिहादी मदरसा नेटवर्क (भारत-नेपाल सीमा)
* कश्मीरी युवाओं का OGW में बढ़ता आकर्षण

भारत की उदार वीज़ा नीति का दुरुपयोग कर ISI, पाकिस्तान और उसके सहयोगी संगठनों ने भारत में एक अदृश्य, परंतु घातक आतंकी और जासूसी नेटवर्क खड़ा कर दिया है।
अब समय आ गया है कि भारतीय सरकार, एजेंसियां और जनता मिलकर इस कट्टरपंथी खतरे को समझें और निर्णायक कार्यवाही करें। वरना भविष्य में गृहयुद्ध, आर्थिक पतन और सांस्कृतिक विनाश निश्चित है।

“सतर्क राष्ट्र ही सुरक्षित राष्ट्र है।”

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