पटनाबिहार

भागवत का उद्देश्य व्यक्ति के मानवीय गुणों का विकास।

अनुज श्रीवास्तव/रंजीत सिन्हा।
बिहार/पटना। मोदी परिवार द्वारा शक्तिधाम में आयोजित भागवत कथा में तीसरे दिन यजमान बिनोद मोदी, पप्पू मोदी, रमेश मोदी, अरुण एवं रेखा मोदी बैठे थे.
भागवत कथा का प्रारम्भ करते हुए शास्त्रोपासक आचार्य डॉ चंद्रभूषणजी मिश्र श्री पंचम, षष्ठ एवं सप्तम तीनों स्तंभों का सारंश बताया।उसमे आये प्रमुख चरित्रों की विस्तार से चर्चा की।आचार्य डॉ चंद्रभूषणजी मिश्र ने कहा कि पंचम स्तम्भ में भूगोल,खगोल का वर्णन है।आज वैज्ञानिक लोग धरती की गति का वर्णन चाँद से मानते हैं परन्तु भागवत में सूर्य की गति का वर्णन है। हम जहां खड़े होते हैं

वहीँ से पूरब,पश्चिम,उत्तर,दक्षिण शुरू होता है।भूत वर्तमान भविष्य भी अपनी स्थिति से जाना समझा एवं परखा जाता है।
आचार्य श्री ने चौदह लोक की चर्चा करते हुए बताया कि इस धरती के ऊपर सात लोक हैं, जिसको भूलोक, भुवनलोक आदि नामो से जाना जाता है।धरती के नीचे भी सात लोक हैं जिनको तल, तलातल, रसातल आदि नामो से जाना जाता है।छठे स्तम्भ में गज ग्राह की चर्चा में प्रदर्शन की बात को रूपायित किया गया है।
आचार्य श्री ने कहा कि व्यक्ति की अपने गुणों से ही पहचान है।वह जब कुछ और ज्यादा मान सम्मान पाने की चेष्टा करता है तो उसे बदनामी ही हाथ लगती है। हमारे मन में तरह तरह की वृतियां होती है और विवेक की कमी के कारण हम उसी की पूर्ति में लगे रहते हैं।
आचार्य श्री ने कहा कि वृतासुर का चरित्र भागवत का प्रसिद्ध चरित्र है जिसमें मनुष्य की बढ़ती चाह को समेटने का उपदेश दिया गया है।हम किसी से भी मिलते हैं तो उसका उपयोग करने लगते हैं।भगवान् के पास जाकर भी बहुत कुछ माँगने की वृति बढ़ जाती है और इस मांग और पूर्ति के झमेले में भक्ति तिरोहित हो जाती है।
आचार्य श्री ने कहा कि सम्पूर्ण भगवत में प्रहलाद एक ऐसा भक्त है जो भगवान् से प्रार्थना करता है कि मेरे मन में कभी किसी से कुछ माँगने की वृति न जगे।यथा लाभ संतोष का जीवन ही श्रेष्ठ जीवन माना जाता है।
आचार्य श्री ने कहा कि सप्तम स्तम्भ के अंतिम कुछ अध्यायों में भगवान् वृतात्रेय और प्रहलाद के संवाद के द्वारा पुरुष धर्म, स्त्री धर्म , सामाजिक धर्म आदि की चर्चा करते हुए कर्तव्य बोध कराया गया है।भागवत का यह उद्देश्य है कि व्यक्ति मानवीय गुणों का विकास कर के ही अपने को सदा आनंदित रख सकता है . मानवीय गुणों का विकास ही कृपा का प्रसाद माना जाता है‌।
एम पी जैन ने बताया कि आज की पूजा में रमेश मोदी, अमर अग्रवाल, नवल अग्रवाल, डॉ बी के अग्रवाल, संतोष अग्रवाल, अक्षय अग्रवाल, सुशील पंसारी, ओम पोद्दार, कैलाश बंका सहित सैकड़ों लोग उपस्थित थे।

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