अनुज श्रीवास्तव/रंजीत सिन्हा
बिहार/पटना/ दिल्ली सर्वत्र संस्कृतम् एवं बिहार संस्कृतम् संजीवन समाज की ओर से आधुनिक संस्कृत वद अभियान के दस दिवसात्मक निशुल्क संस्कृत संभाषण शिविर की प्रशिक्षिका एवं आधुनिको भव संस्कृतं वद अभियान के दिल्ली नगर की सह संयोजिका नीलम खासा ने किया। नीलम खास ने 10 दिनों तक 16 अक्टूबर से 25 अक्टूबर तक 25 शिविर सदस्यों को सरल पद्धति से संस्कृत बोलने का अभ्यास कराया। समापन समारोह का शुभारंभ मां सरस्वती के माल्यार्पण से हुआ। दिल्ली नगर के किशनगढ़ ग्राम में डी.ए.वी. के संस्कृत शिक्षक और आर्य समाज के पुरोहित, विशेष अतिथि कुलदीप महोदय ने संस्कृत शिविर के समापन समारोह में संस्कृत भाषा को प्राचीन भाषा बताते हुए संस्कृत के महत्व पर और संस्कृति हमारे लिए आवश्यक क्यों है उसके बारे में विस्तार से शिविर के सदस्यों को बताया। आधुनिको भव संस्कृत वद अभियान के राष्ट्रीय अध्यक्ष एवं बिहार संस्कृत संजीवन समाज के महासचिव डॉ मुकेश कुमार ओझा ने अंतरजालिए द्वारा अध्यक्षीय भाषण में कहा संस्कृत भाषा को जन-जन की भाषा बनाने के लिए अभियान चलाया जा रहा है। संस्कृत को बोलकर एवं समझ कर ही भारतीय संस्कृति की रक्षा की जा सकती है संस्कृत भाषा को अपनाकर विश्व के मानव का कल्याण किया जा सकता है ।आर्य समाज की शिक्षिका दीक्षा,नूतन और मोनिका ने अपना योगदान दिया इन्होंने संस्कृत महत्व पर चर्चा की और संस्कृत भाषा उत्थान और प्रचार के लिए संकल्प लिया। शिविर सदस्यों ने संस्कृत में स्व परिचय प्रतियोगिता में भाग लिया। नीलम खास के द्वारा पुरस्कार प्रदान किया गया। जिसमें प्रथम पुरस्कार अमित कुमार को द्वितीय पुरस्कार ऋषभ कुमार को तृतीय पुरस्कार राहुल कुमार को व विशेष पुरस्कार करन को मिला। अन्य शिविर सदस्य जानवी अर्जुन, सिद्धि , पियूष ,विशाल, दीपांशु ,अंश निशा ,सानिया, विवेक, राधिका, सुजीत , खुशबू , लवली , उपासना आर्य इत्यादि थे नीलम खास ने अंत में कल्याण मंत्र गाकर सबका धन्यवाद ज्ञापन किया।