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बिहार में पहली बार स्लीप डिसऑर्डर पर स्लीप समिट का आयोजन हुआ

अनुज श्रीवास्तव/रंजीत सिन्हा
बिहार/पटना। डिपार्टमेंट ऑफ़ स्लीप मेडिसिन, जयप्रभा मेदांता सुपर स्पेशिलिटी हाॅस्पिटल, पटना के द्वारा बिहार में पहली बार स्लीप डिसऑर्डर पर स्लीप सम्मिट का सफलतापूर्वक आयोजन किया गया। इस सम्मिट का उद्देश्य स्लीप डिसऑर्डर से सम्बंधित बीमारियॉं के बारे में जागरूकता, नींद से संबंधित विकारों और नींद श्वसन विकार जैसे ऑब्सट्रक्टिव स्लीप एपनिया पर इलाज सम्बंधित तकनीकों में जानकारी एवं प्रशिक्षण, मेडिकल स्टूडेंट्स के बीचे में इसके प्रति सही जानकारी ताकि मरीजों को बेहतर और सटीक निदान सक्षम हो सके। इस सम्मिट में पटना एवं आस पास के विभिन्न हिस्सों से 90 से अधिक डॉक्टरों ने भाग लिया और स्लीप मेडिसिन के बढ़ते महत्व पर प्रकाश डाला। कार्यशाला में जयप्रभा मेदांता सुपर स्पेशलिटी हाॅस्पिटल, पटना के मेडिकल डायरेक्टर डाॅ. रवि शंकर सिंह, डिपार्टमेंट ऑफ़ स्लीप मेडिसिन के डॉ. साकेत शर्मा, चंडीगढ़ से एकेडमी ऑफ़ स्लीप वेक साइंस के संस्थापक और नेशनल फैकल्टी डाॅ. तृप्त दीप सिंह और सी.एम.आर.आई, हाॅस्पिटल, कोलकाता के पल्मोनरी मेडिसिन विभाग के डाॅ. अरुप हल्दर, आईजीआईएमएस से डॉ.सुधीर कुमार, एनएमसीएच से डॉ अजय सिन्हा, डॉ. डीपी सिंह, डॉ पी के अग्रवाल, डॉ रवीन्द्र सिन्हा, डॉ दिवेन्दु भूषण के अलावा चिकित्सा जगत के विभिन्न क्षेत्रों से जाने माने चिकित्सक भी मौजूद थे। कार्यक्रम को संबोधित करते हुए डॉ. साकेत शर्मा, जो स्लीप समिट के आयोजक थे, ने इस बात पर प्रकाश डाला कि “स्वस्थ नींद अच्छे स्वास्थ्य के प्रबंधन के स्तंभों में से एक है, इसलिए लोगों को इसके घातक परिणामों के बारे में जागरूक करना बहुत महत्वपूर्ण है। नींद के दौरान खर्राटा लेने के साथ अगर सांस में बार-बार रुकावट आ रही है तो यह स्वास्थ्य के प्रति दुष्प्रभाव को जन्म देती है । हमारे पास आने वाले 25 प्रतिशत मामलों में, हमने देखा है कि नींद की कमी या खंडित नींद उनकी बीमारियों में महत्वपूर्ण योगदान देती है। ऐसे स्थिति को हम ऑब्सट्रक्टिव स्लीप एपनिया (ओएसए) कह सकते है, जिसके परिणामस्वरूप कई गंभीर जटिलताएं होती हैं, जैसे टाइप 2 मधुमेह, उच्च रक्तचाप, हार्ट फेलियर, हृदय स्ट्रोक, मोटापा, दिन में नींद के कारण सड़क दुर्घटनाएं, प्रोफेशनल जीवन में खराब प्रदर्शन आदि। यह न केवल डॉक्टरों बल्कि कॉरपोरेट्स और आम जनता के लिए भी मुद्दों को संबोधित करने और स्वस्थ नींद को बढ़ावा देने के लिए समय की आवश्यकता बन रहा है। आगे इसी विषय पर बात करते हुए डॉ. साकेत शर्मा ने कहा की ” ऑब्सट्रक्टिव स्लीप एपनिया (ओएसए) की सही स्थितियों के बारें में जानकारी के लिए हम स्लीप टेस्ट करते हैं जिसको हम पोलिसोनोग्राफी कहते है जिसमें हम बहुत सारे पैरामीटर्स का जहां अध्ययन करते है कि स्थिति गंभीर है और ऐसी स्थिति में सही उपचार क्या है। सबसे एडवांस जांचों की श्रृंखला को हम लेवल 1 पोलिसोनोग्राफी कहते हैं और वर्तमान में यह सुविधा बिहार में केवल मेदांता हॉस्पिटल पटना में उपलब्ध है। इस टेस्ट को कैसे किया जाए, उसके परिणामों का कैसे सही अध्ययन किया जाये इन सब विषयों पर वर्कशॉप और ट्रेनिंग का भी आयोजन किया जा रहा है।

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