अनुज श्रीवास्तव/रंजीत सिन्हा
बिहार/पटना। जदयू राजनैतिक सलाहकार समिति बिहार के सदस्य मनोज लाल दास मनु ने विधान सभा मे विश्वासमत के दौरान मिली करारी हार से बौखलाए विपक्ष के शीर्ष नेताओं की शह पर विपक्ष के कुछ टुच्चे नेताओं द्वारा पूर्व सांसद आनंद मोहन, विधायक चेतन आनंद समेत मोहन परिवार पर व्यक्तिगत स्तर पर उतरकर दिलाई जा रही गालियों की भर्त्सना की है और ऐसी हरकतों से बाज आने की सलाह दी है।
श्री मनु ने कहा कि किसी व्यक्ति की भाषा उसकी पारिवारिक पृष्ठभूमि और परवरिश का ही द्योतक होता है। इस लिये इस तरह के टुच्चे,लंपट और लुटेरे दल के नेताओं व चिलगोजों से बिहार की जनता को कभी भी सभ्य भाषा की उम्मीद नहीं है। मुख्यमंत्री नीतीश कुमार में आस्था रखने वालों के संस्कार में गाली-गलौज हो ही नही सकता।
श्री मनु ने कहा कि मुख्यमंत्री को समर्थन देने के कारण उनके परिवार के विरुद्ध लंपट भाषा के प्रयोग कराने वालों को मजबूरन ही सही अब उन्हें बताया जायेगा कि हमें भी उन्हीं की भाषा में इसका करारा जवाब देना आता है। अगर जवाब देना शुरु हो तब ऐसे में लालू यादव – कांति सिंह, मीसा भारती, तेज प्रताप, ऐस्वर्या, तेजस्वी-फिटकिरी झा का संबंध, रसेल (राज्यश्री) कोई भी नंगा होने से नहीं बचेगा। चूंकि बिहार की जनता ये सब जानती है इसलिये हम लोग अपना मुंह खराब नही करना चाहते हैं। इसलिये विपक्ष के टुच्चे और लंपट नेताओ को चेतावनी देते है कि मुख्यमंत्री नीतीश के समर्थन में आए विधायकों के परिवार पर टीका टिप्पणी न करें, अन्यथा परिणाम भयंकर होगा। मुख्यमंत्री नीतीश कुमार का राजनैतिक जीवन खुली किताब है जिससे सभी प्रेरणा ले सकते हैं और लालू तेजस्वी का राजनीतिक जीवन जिसे कोई देखना भी पसंद नही करेगा। लालू तेजस्वी के लिए कार्यकर्ता का मतलब चमचागिरी और नितीश कुमार के लिए कार्यकर्ता का मतलब पार्टी के लिए रीढ़। लालू तेजस्वी परिवार और चमचागिरी करने वाले या मोटी रकम देने वाले को ही राज्यसभा भेजते हैं लेकिन मुख्यमंत्री नितीश कुमार पार्टी के समर्पित कार्यकर्ता को।