अनुज श्रीवास्तव/संजय राव
बिहार/बेतिया। महापौर गरिमा देवी सिकारिया के द्वारा नगर निगम क्षेत्र में जगह जगह स्थापित दर्जनाधिक पूजा पंडालों यथा गैसलाल चौक, ख़ुशी टोला, प्रेप दिल्ली मॉडल स्कूल, जयप्रकाश नगर, आईटीआई, बेलबाग बंगाली कोलनी इत्यादि में जाकर विद्या, बुद्धि और सम्पूर्ण कला की अधिष्ठात्री के मां सरस्वती की पूजा की गई। इस मौके पर उन्होंने कहा कि हम सबकी मां सरस्वती ही विद्या, बुद्धि, राग, गीत, संगीत के साथ सम्पूर्ण कला की अधिष्ठात्री देवी हैं। हमारे सनातन धर्म की वैदिक मान्यता के अनुसार बसंत पंचमी मां सरस्वती का प्रकाट्य दिवस है। यही कारण है कि इस शुभ दिन पर भक्तगण ज्ञान और विविध कलाओं को प्राप्त करने के लिए माता सरस्वती की पूजा आराधना और उपासना करते हैं।महापौर श्रीमती सिकारिया ने कहा कि बसंत पंचमी के दिन को शीत ऋतु के अवसान का आरंभ और ऋतुओं के राजा “वसंत ऋतु” की शुरुआत होती है। मान्यता है कि बसंत पंचमी को ही वे हाथों पुस्तक, वीणा और माला लिए श्वेत कमल पर विराजमान होकर प्रकट हुई थीं। महापौर ने शास्त्रों की मान्यता के अनुसार बताया कि बसंत ऋतु का दिन किसी भी शुभ कार्य के सुफल शुरुआत के लिए सबसे शुभ माना गया है।