अनुज श्रीवास्तव/रंजीत सिन्हा
बिहार/भागलपुर। मातृत्व हर महिला के जीवन का सबसे अनमोल और सुखद अनुभव होता है, लेकिन कई महिलाएं इस खुशी से वंचित रह जाती हैं। निःसंतानता का दर्द झेलने वाले दंपत्तियों के लिए यह एक कठिन संघर्ष होता है, लेकिन आज के वैज्ञानिक युग में यह संभव है कि आधुनिक चिकित्सा और तकनीकों की मदद से इस समस्या का सफल उपचार हो सके। इन्दिरा आईवीएफ भागलपुर सेंटर ने इसी उद्देश्य को ध्यान में रखते हुए अपने स्थापना दिवस के अवसर पर निःसंतानता के प्रति जागरूकता फैलाने के लिए एक विशेष कार्यक्रम का आयोजन किया।
इस कार्यक्रम के दौरान उन चिकित्सकों को सम्मानित किया गया जिन्होंने निःसंतानता के उपचार में सफलता प्राप्त की और समाज में इसके प्रति जागरूकता फैलाने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई। इस कार्यक्रम का नेतृत्व सेंटर हेड डॉ. निधि अग्रवाल ने किया, जिसमें मुख्य अतिथि एसएसपी भागलपुर आनंद कुमार, अपोलो डेंटल समस्तीपुर के डायरेक्टर डॉ. ज्ञानेन्द्र और इन्दिरा आईवीएफ बिहार एवं पटना सेंटर के हेड डॉ. दयानिधि शर्मा ने भाग लिया।
इस अवसर पर बोग्स सचिव डॉ. वर्षा सिन्हा, डॉ. अनुपमा सिन्हा, डॉ. बिना सिन्हा, डॉ. सीमा सिन्हा, डॉ. लीना नायर, डॉ. रोमा यादव, डॉ. किरण सिंह, डॉ. गीता रानी, डॉ. मोना गोयल, डॉ. रश्मि सीमा कुमारी, डॉ. ललन सिंह, डॉ. अभिषेक कुमार, और डॉ. अर्चना झा सहित 20 चिकित्सकों को उनके उत्कृष्ट कार्यों के लिए सम्मानित किया गया। इसके साथ ही उन दंपत्तियों को भी सम्मानित किया गया जिन्होंने इन्दिरा आईवीएफ के माध्यम से निःसंतानता का इलाज करवाकर माता-पिता बनने का सपना साकार किया। यह कार्यक्रम निःसंतानता से जूझ रहे दंपत्तियों के लिए उम्मीद की किरण लेकर आया और उन्हें यह विश्वास दिलाया कि इस समस्या का समाधान संभव है।
मुख्य अतिथि एसएसपी आनंद कुमार ने कहा, “निःसंतानता आज के समय में एक सामान्य समस्या है, जिसका वैज्ञानिक समाधान उपलब्ध है। हमें समाज के हर वर्ग, विशेष रूप से ग्रामीण क्षेत्रों के मुखिया और जनप्रतिनिधियों को इस विषय पर जागरूक करना चाहिए कि निःसंतानता कोई लाइलाज बीमारी नहीं है। इसके साथ ही यह समझाना भी जरूरी है कि निःसंतानता के लिए पुरुष और महिलाएं समान रूप से जिम्मेदार होते हैं।” उन्होंने जोर देते हुए कहा कि वैज्ञानिक उपचार से इस समस्या का समाधान किया जा सकता है और इसे लेकर समाज में जागरूकता फैलाने की आवश्यकता है।
डॉ. ज्ञानेन्द्र ने अपने संबोधन में कहा, “इन्दिरा आईवीएफ के चेयरमैन डॉ. अजय मुर्डिया ने निःसंतानता के क्षेत्र में जो अभियान चलाया है, वह लाखों परिवारों के लिए वरदान साबित हुआ है। भागलपुर और बिहार के अन्य हिस्सों में इस सेंटर ने संतान प्राप्ति की उम्मीद जगाई है।” उन्होंने यह भी कहा कि इन्दिरा आईवीएफ के माध्यम से अब तक 1.5 लाख से अधिक दंपत्तियों ने संतान सुख प्राप्त किया है, जो इस संस्था की सफलता और विश्वास का प्रतीक है।
सेंटर हेड डॉ. निधि अग्रवाल ने इस अवसर पर कहा, “इन्दिरा आईवीएफ भागलपुर में हम उच्चतम गुणवत्ता के साथ निःसंतानता का इलाज उपलब्ध कराते हैं। हमारा उद्देश्य हर दंपत्ति को इस समस्या से मुक्ति दिलाकर उनके जीवन में खुशियों की बहार लाना है। हम चाहते हैं कि जो भी दंपत्ति इस संघर्ष से गुजर रहे हैं, वे यह समझें कि उम्मीद हमेशा होती है और आज के आधुनिक विज्ञान ने इस समस्या का समाधान संभव कर दिया है।”
इन्दिरा आईवीएफ के सीईओ और सह-संस्थापक डॉ. क्षितिज मुर्डिया ने कहा, “भागलपुर में हमारे सेंटर की स्थापना निःसंतानता के प्रति जागरूकता फैलाने और उच्च गुणवत्ता के उपचार प्रदान करने की दिशा में एक और महत्वपूर्ण कदम है। हमारा प्रयास है कि हर निःसंतान दंपत्ति को सही उपचार मिले और वे संतान सुख का अनुभव कर सकें।”
विशिष्ट अतिथि डॉ. दयानिधि शर्मा ने कहा, “निःसंतानता की स्थिति में समय बर्बाद करने के बजाय वैज्ञानिक तरीकों को अपनाना चाहिए। आईवीएफ जैसी आधुनिक तकनीकें निःसंतान दंपत्तियों के लिए एक महत्वपूर्ण समाधान साबित हो रही हैं। आज कई परिवार इन तकनीकों के माध्यम से खुशहाल जीवन जी रहे हैं।”
कार्यक्रम में डॉ. प्रियंका रानी ने निःसंतानता के कारणों और इसके विभिन्न उपचार विकल्पों पर विस्तार से जानकारी दी। उन्होंने निःसंतानता से पीड़ित दंपत्तियों को इस समस्या से घबराने के बजाय इसका समाधान तलाशने की सलाह दी और कहा कि जागरूकता ही इसका पहला कदम है। उन्होंने समाज से अपील की कि निःसंतानता को लेकर पुरानी धारणाओं को छोड़कर आधुनिक विज्ञान के भरोसे पर आगे बढ़ें।
इस कार्यक्रम ने न सिर्फ चिकित्सकों और दंपत्तियों को सम्मानित किया, बल्कि उन सभी लोगों को प्रेरित किया जो निःसंतानता से जूझ रहे हैं। इन्दिरा आईवीएफ भागलपुर ने इस जागरूकता कार्यक्रम के माध्यम से यह संदेश दिया कि निःसंतानता का इलाज संभव है, और इसका समाधान अब आपकी पहुंच में है।