अवनीश सिंह।
गाजीपुर/उत्तर प्रदेश। सैदपुर तहसील का पूर्व बाबू एवं सैदपुर तहसील में नटवरलाल के नाम से प्रसिद्ध शकील अहमद तहसील में लाखों का गबन कर फरार हो गया लेकिन तहसील परिसर के अधिकारी हाफते नजर आए। जब इस मामले पर उप जिलाधिकारी सैदपुर रवीश गुप्ता से बात की गई तो उन्होंने बताया कि अभी तक शकील अहमद की गिरफ्तारी नहीं हो सकी है उसमें क्षेत्राधिकारी सैदपुर को जांच अधिकारी नामित किया गया है। मामले की जांच चल रही है इस बाबत क्षेत्राधिकारी सैदपुर से संपर्क किया गया तो उन्होंने बताया कि अभी तक शकील गिरफ्तार नहीं हुआ है इस मामले में दो अन्य लोगों की गिरफ्तारी हो चुकी है हालांकि उन गिरफ्तार लोगों का विवरण देने में वह असमर्थ रहे।उन्होंने कहा कुछ समय में हम आपको उनका विवरण उपलब्ध करा देंगे लेकिन वह उपलब्ध नहीं करा पाए।सूत्रों के मुताबिक शकील का अभी तक कोई लोकेशन पुलिस ढूंढ नहीं पाई है।पुलिस केवल इधर-उधर हाथ पांव मार रही है लेकिन शकील के बारे में कोई सुराग पता नहीं लग पाया है।अब प्रश्न उठता है कि क्या शकील को आसमान निकल गया या धरती निकल गई।शकील इस लोक में है या नहीं?वह किस लोक में है कि अभी तक प्रशासन उसे ढूंढ नहीं पाया?शकील को लेकर ऐसे कई प्रश्न उठ रहे हैं जिसका जवाब सैदपुर तहसील के अधिकारी ही दे पाएंगे।कई लोगों ने तो यहां तक कहा कि जब एक बार तहसील में यह गबन कर चुका था और उस मामले में जेल जा चुका था और सस्पेंड भी हो चुका था तो फिर जब कोर्ट से बहाल किया गया तो फिर उसे क्यों इतनी बड़ी जिम्मेदारी के पद पर रखा गया? आखिर अधिकारियों की क्या मजबूरी थी कि उसे इतनी बड़ी जिम्मेदारी के पद पर रखा गया? फिर अगर रखा गया तो इसने चाय नाश्ता के नाम पर फिर गबन किया और जब गबन किया तो फिर इसकी तुरंत भनक लगते ही गिरफ्तारी क्यों नहीं करवाई गई? फिर इसका स्थानांतरण सेवराईं तहसील पर कैसे किया गया?अगर सेवराईं तहसील पर स्थानांतरण किया गया तो फिर एफआईआर के तुरंत बाद शकील को कैसे मालूम हुआ शकील के ऊपर एफआईआर हो चुका है। और शकील को भागने का समय मिला।अगर पुलिस ने तत्परता दिखाई होती तो शकील तुरंत सलाखों के पीछे होता। आम जनता के बीच तो अभी कई प्रश्न उठ रहे हैं जिसका जवाब देना भी बड़ा मुश्किल है।अब देखना है कि शकील अंसारी की गिरफ्तारी पुलिस कब और कैसे करती है या केवल खाना पूर्ति करके प्रशासन भी अपना पीछा छुड़ाना चाहता है।