अनुज श्रीवास्तव/रंजीत सिन्हा
बिहार/पटना। आज पूर्वाह्न में बिहार चैम्बर ऑफ कॉमर्स एंड इंडस्ट्रीज एवं प्रगत संगणन विकास केंद्र (सी-डैक) के संयुक्त तत्वावधान में इसके 37 वें स्थापना दिवस के अवसर पर चैम्बर के सभागार में “नागरिक-केंद्रित सेवाओं और सतत् अर्थव्यवस्था के लिए आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस” पर एक संगोष्ठी का आयोजन किया गया।
चैम्बर अध्यक्ष सुभाष कुमार पटवारी ने अतिथियों एवं गणमान्य व्यक्तियों का स्वागत करते हुए नागरिक- केंद्रित सेवाओं को बढ़ावा देने और एक सतत् अर्थव्यवस्था को पोषित करने में आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस (एआई) के महत्ता पर प्रकाश डालते हुए बताया कि बिहार एक कृषि प्रधान राज्य है और कुल आबादी का करीब तीन हिस्सा लोग गाँव में बसते हैं इसलिए कृषि में एआई का उपयोग से कृषि क्षेत्र को काफी बढ़ावा मिल सकता है। एआई का उपयोग आर्थिक उन्नति को बढ़ावा देने एवं स्वास्थ्य सेवाओं को और बेहतर बनाने के लिए किया जा सकता है।
संगोष्ठी में सी-डैक पटना और कोलकाता के निदेशक एवं वैज्ञानिक “जी” आदित्य कुमार सिन्हा ने संगोष्ठी के विषय पर प्रकाश डाला। उन्होंने समाज के बेहतरी के लिए उन्नत तकनीकों का लाभ उठाने के लिए सी-डैक पटना की प्रतिबद्धता को रेखांकित किया। उन्होंने विभिन्न क्षेत्रों में नवाचार को बढ़ावा देने, दक्षता बढ़ाने और समावेशिता सुनिश्चित करने में आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस की भूमिका पर बल दिया।
इस संगोष्ठी के दौरान, मुख्य अतिथि और अन्य गणमान्य व्यक्तियों द्वारा “नागरिक- केंद्रित सेवाओं और सतत् अर्थव्यवस्था में आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस की भूमिका” नामक पुस्तक का विमोचन किया गया।समारोह में मुख्य अतिथि के रूप में बिहार कृषि विश्वविद्यालय के कुलपति डॉ डी आर सिंह उपस्थित थे, उन्होंने विभिन्न क्षेत्रों में आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस के महत्व को रेखांकित करते हुए विशेष संबोधन दिया। प्रो (डॉ.) बिंदेय कुमार, निदेशक, आईजीआईएमएस पटना, सुशील कुमार,उपाध्यक्ष और ग्लोबल हेड,टाटा टेक्नोलॉजीज, पुणे, डॉ. आर के मिश्रा,डीडीजी, एनआईसी पटना और चैम्बर के पूर्व अध्यक्ष पी० के० अग्रवाल जैसे विशिष्ट अतिथियों ने अपनी उपस्थिति से इस कार्यक्रम की शोभा बढ़ाई।
संगोष्ठी में प्रस्तुत किये गए तकनीकी सत्रों में एआई परिदृश्य, कृषि और स्वास्थ्य सेवा में एआई, रणनीतिक क्षेत्र में एआई की भूमिका और रोबोटिक्स स्टार्टअप्स के लिए अनुसंधान को बढ़ावा देने में इलेक्ट्रॉनिक्स और सूचना प्रौद्योगिकी मंत्रालय की भूमिका जैसे व्यापक विषयों को कवर किया गया। ए एन स्वामी, साई कृष्णा, डॉ सी के पांडा, डॉ प्रियंकर सिंह, असीम आनंद और डॉ एस ए पसुपथी जैसे प्रख्यात वक्ता ने इन सत्रों का नेतृत्व किया और अपनी विशेषज्ञता और अंतर्दृष्टि साझा किया ।
पटवारी ने कहा कि इस संगोष्ठी का उद्देश्य शिक्षा जगत, उद्योग और सरकारी एजेंसियों के हितधारकों के बीच ज्ञान के आदान-प्रदान और सहयोग के लिए एक मंच के रूप में है। सार्थक चर्चाओं और इंटरैक्शन के माध्यम से, इसका लक्ष्य एक मजबूत आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस इकोसिस्टम बनाने की दिशा में एक रास्ता तैयार करना है जो नागरिकों की बदलती जरूरतों को पूरा कर सके और एक सतत् अर्थव्यवस्था में योगदान दे सके।
संगोष्ठी में चैम्बर की ओर से उपाध्यक्ष आशीष शंकर एवं प्रदीप चौरसिया, महामंत्री पशुपति नाथ पाण्डेय, पूर्व उपाध्यक्ष मुकेश कुमार जैन एवं गणेश कुमार खेतड़ीवाल, संयोजक अखिलेश कुमार, सुधि रंजन, कार्यकारणी सदस्य आशीष प्रसाद, मुकेश कुमार, बिनोद कुमार, राकेश शर्मा, राज बाबू गुप्ता, नमित पटवारी, लखीसराय चैम्बर के अध्यक्ष विकास सिंह एवं सम्मानित सदस्य सम्मिलित हुए।