अनुज श्रीवास्तव/रंजीत सिन्हा
बिहार/शरीफ। रमजान जो सभी महीनों में खास है। यह महीना रहमतों व बरकत को साथ लाता है। इस महीने का रोजा और इबादत इंसान को पवित्र मोत्तकी बना देता है। चर्चित सामाजिक कार्यकर्ता जेडीयू नेता हाफिज आसिफ रजा कादरी ने कहा कि उन्होंने पैगंबर मोहम्मद सल्लल्लाहु ताला अलेही वाले ही वसल्लम का हवाला देते हुए कहा कि अगर इंसान समझ जाए कि रोजे की क्या अहमियत है और उसके कितने फायदे है तो लोग तमन्ना करेंगे के काश पूरा साल रमजान का महीना होता। इस्लाम की बुनियाद में 5 चीज है जिसमे से रोजा एक है।रोजा इंसान को सिर्फ इबादत परहेज नहीं सिखाता है बल्कि रोजा रखने से इंसान शारीरिक मानसिक रुप से भी शुद्ध बनता है। रोजा हर बुरी आदतों से छुटकारा दिलाता है। खास रमजान का रोजा इंसान को सिर्फ मजहबी ही नहीं बल्कि कई तरह की जिस्मानी बीमारियों से भी बचाता है। रमजान का रोजा बंदे को अल्लाह से करीब करता है। यह रोजा सेहत के लिए फायदेमंद भी है। मुबारक महीना रमजान का 30 रोजा रखकर इंसान रूहानी ताकतों से रूबरू होता है। 11 महीना खाने पीने के कारण होने वाली कई प्रकार के जिस्मानी बीमारियों को रोजा (उपवास) दुर करता है। रमजान के इस पवित्र महीने में अल्लाह से दुआ है कि वह हमारे बिहार राज्य और मुल्के हिंदुस्तान में हम सबको मेल-मोहब्बत भाईचारा अमन शांति से जिंदगी गुजारने की तौफीक दे।