नाटक से बताया: सिर्फ बोलने से सपने पूरे नहीं होते, उसके लिए मेहनत करनी पड़ती है
अनुज श्रीवास्तव/रंजीत सिन्हा
बिहार/फुलवारी शरीफ। सर्वमंगला सांस्कृतिक मंच की ओर से साप्ताहिक नुक्कड़ नाटक की श्रृंखला में महेश चौधरी द्वारा लिखित एवं मिथिलेश कुमार पांडे द्वारा निर्देशित नाटक “आज के काम को कल पर नहीं टालें” की प्रस्तुति वाल्मी फुलवारी शरीफ में की गई।
नाटक की शुरुआत अमन राज के स्वरबद्ध गीत- सपने बहुत हैं दिल में लेकिन सुबह उठने की हिम्मत नहीं, पाना पूरी दुनिया है पर अपनी नींद से लड़ सकते नहीं….से की गई।
नाटक के माध्यम से यह दिखाया गया कि बिस्तर में सोए-सोए यदि नींद के झोंके लेते रहेंगे तो यह जिंदगी भी ऐसे ही झोंको की तरह बन जाएगी। यदि वाकई में आप अपनी जिंदगी में कुछ करना चाहते हैं तो अपने बिस्तर से उठे और अपनी मोटिवेशन की आग को अपने अंदर से बाहर निकाले। यह आग आपको उठा सकती है लेकिन आगे बढ़ने के लिए आपको अपने कदम बढ़ाने होंगे,जिस तरह गाड़ी में पेट्रोल होने से गाड़ी अपने आप चलने नहीं लगती, बल्कि उस गाड़ी को खुद से चलाना होता है। सबसे बड़ी बीमारी यह है कि मैं कल से कर लूंगा और अपनी जिंदगी बदल लूंगा, यह आगे बढ़ने में बाधक है।जिंदगी में यदि बदलाव लाना है तो अपने आप को बदलना होगा। सिर्फ बोल देने भर से सपने पूरे नहीं होते उसके लिए मेहनत करनी पड़ती है।
नाटक के कलाकार महेश चौधरी, मिथिलेश कुमार पांडे, सौरभ राज, अमन राज, करण, नमन, भूरालाल थे।