अनुज श्रीवास्तव/रंजीत सिन्हा
बिहार/पटना। इंडिया सोशल फोरम पटना में एकता परिषद द्वारा आयोजित जन संसद में पद्मश्री सुधा वर्गीज, जिनको हाल ही में जमुनालाल बजाज पुरस्कार से सम्मानित करने की घोषणा की गई है,उन्होंने जन संसद में भूमि अधिकार और आजीविका के मुद्दे पर विशेष तौर पर सभी भूमिहीन परिवारों के लिए 10 डेसिमल आवास भूमि कानून बनाने की बात कही और आह्वान किया कि गरीबों को संगठित होकर भूमि अधिकार के लिए सड़क पर उतरने की जरूरत है। एकता परिषद के राष्ट्रीय उपाध्यक्ष प्रदीप प्रियदर्शी ने जन संसद में एकता परिषद द्वारा पूरे देश में चलाए जा रहे हैं भूमि अधिकार आंदोलन का विस्तार से वर्णन किया और बिहार में पिछले 25 वर्षों से किए जा रहे भूमि अधिकार अभियान के बारे में चर्चा की।
उन्होंने कहा कि एकता परिषद के पहल से भारत सरकार ने 10 डेसिमल आवास भूमि हेतु एक नोटिफिकेशन जारी भी किया था और राज्य सरकारों को इसे लागू करने के लिए पत्र भी लिखा था। लेकिन किसी भी राज्य सरकार ने आज तक इसे लागू नहीं किया है। इस अवसर पर नेपाल से आए साथी पुरुषोत्तम ने नेपाल में होने वाले वर्ल्ड सोशल फोरम के बारे में बताया और एकता परिषद को आह्वान किया कि वह 15 से 19 फरवरी 2024 में होने वाले विश्व सामाजिक मंच में शामिल हो। उन्होंने नेपाल में चल रहे भूमि अधिकार आंदोलन के बारे में विस्तार से चर्चा की। जल संसद में दलित अधिकार मंच के अध्यक्ष कपिलेश्वर राम, मुसहर विकास मंच के संयोजक अशर्फी सदा, भारत जोड़ो अभियान के बिहार के संयोजक शाहिद कमल,भूमि विशेषज्ञ डॉ राधेश्याम, मुजफ्फरपुर के जिला अध्यक्ष राम लखनदार प्रसाद, सहरसा के हीरालाल सदा, मधेपुरा के सुनील कुमार, अरवल के गणेश दास, भोजपुरी की जानकी मिथिलेश, बक्सर के रंजीत कुमार, गया के जगत भूषण, जहानाबाद की संगीता कुमारी, नालंदा के सरोज ठाकुर, नवादा के नरेश मिलन, जमुई के हजारी प्रसाद वर्मा, बांका के वीणा हेमराम, पटना के शिवकुमार ठाकुर ने अपने-अपने जिले में हर महिला को मासिक 3 हजार और आवास भूमि अधिकार के लिए चलाए जा रहे अभियान के बारे में चर्चा की। इस अवसर पर परिवर्तन नेटवर्क पटना असलम की संगीता कुमारी ने स्लम विस्थापन का सवाल उठाया। मंजुला ढूंढ ने महिला भूमि अधिकार और महिला पहचान की बातों को रखा। इस अवसर पर एकता परिषद के विभिन्न जिलों से आए हजारों की संख्या में प्रतिभागियों ने रैली की और इंडिया सोशल फोरम में आए देश के विभिन्न हिस्सों के साथियों के साथ अपनी सहभागिता को जोड़ने का काम किया।