अनुज श्रीवास्तव/संजय राव
बिहार बेतियां। द्वेष भावना से दूर रहकर पटेल का इतिहास बनाएं। क्योंकि द्वैष से किसी का भला नहीं होने वाला है। संगठन तो बहुत बन जाते हैं किंतु उसे चलाना मुश्किल होता है। यही कारण है कि कई संगठन बनकर कुछ सालों में खत्म हो गया ।हमें एकता के साथ आगे बढ़ना होगा ।सरदार पटेल ने भी कहा था कि इतिहास लिखे नहीं बल्कि इतिहास बनाएं। उक्त बातें स्थानीय बर्वत सेना रोड स्थित बगीचा रेस्टोरेंट में रविवार को शिवाजी सेवा संस्थान पश्चिमी चंपारण के तत्वाधान में भारत रत्न लौह पुरुष सरदार वल्लभभाई पटेल की 148वीं जयंती समारोह के अवसर पर राष्ट्रीय अध्यक्ष अधिवक्ता प्रमोद पटेल ने कार्यक्रम को संबोधित करते हुए कहा। वही श्री पटेल ने आगे कहा कि जिंदगी तो सभी जीते हैं किंतु समुद्र की लहरों की तरह कोई -कोई जीता है। हमें अपनी पहचान बनाने की जरूरत है। अपने बच्चों को पढाने- लिखाने तथा उन्हें शिक्षा पर जोर देने की जरूरत है ।जबकि कवि- साहित्यकार डॉक्टर गोरख प्रसाद मस्ताना ने कहा कि सरदार पटेल के बताए गए मार्गों पर चलकर हमें अपने बच्चों के बीच शिक्षा का प्रकाश जालना होगा और पाखंड से दूर रहना होगा। जबकि समाजसेव नंदलाल ने कहा कि सरदार पटेल न सिर्फ पटेल समाज के थे बल्कि पूरे राष्ट्र के थे। उन्होंने राष्ट्र को एक सूत्र में बांधकर इतिहास कायम किया। जबकि अधिवक्ता पन्नालाल पटेल ने कहा कि हमें अपने समाज को आगे बढ़ाने की जरूरत है तथा एक सूत्र में बाधकर आगे बढ़ाने की जरूरत है ।इसमें सभी का साथ आवश्यक है ।धन्यवाद ज्ञापन समाजसेवी रमेश पटेल ने किया। मौके मदन पटेल ,राहुल पटेल सहित कई वक्ताओं ने अपने-अपने विचारों को रखा तथा सामूहिक भोज का लुत्फ भी उठाया।