अनुज श्रीवास्तव/रंजीत सिन्हा
बिहार/खगौल। बिहार लोक सेवा आयोग की 67वीं परीक्षा में पटना की रानी कुमारी ने 488वां rank हासिल कर एमईओ के पद चयनित होकर खगौल के लखनी बिगहा,पति राजेश कुमार (रेलकर्मी) एवं अपने परिवार और जिले का नाम रोशन किया है। रानी का बीपीएससी का यह पहला प्रयास था।
ग्रेजुेएशन की परीक्षा के बाद 2012 में स्टेट बैंक में पीओ के पद पर हुआ चयन-
पटना के साइंस कालेज से स्नातक करने के बाद रानी का 2012 में पीओ के पद पर चयन हुआ। परिस्थितियों से कभी निराश न होकर हिम्मत से वे आगे बढ़ती रही। इसमें उनकी सबसे बड़ी ताकत उनके माता-पिता,पति राजेश कुमार ने इनकी ढाल बनकर सदा हर संकट और चिंता से सदैव इनकी रक्षा की।
रानी के परिवार में उनके दो प्यारे छोटे बच्चे हैं।ये सभी रानी की यात्रा मे उनके साथ मजबूती से खड़े रहे।इनके संयुक्त परिवार में सास-ससुर और भाई बहनों का बड़ा परिवार है।
स्टेट बैंक ऑफ इंडिया बोरिंग पटना मे ब्रांच मैनेजर के पद पर कार्य करते हुए ये बीपीएससी की तैयारी करती रहीं-
2012 में बैंक पीओ में नौकरी लगने के बाद भी रानी ने पढ़ाई को लगातार जारी रखा।इसमें उनको पति राजेश कुमार का विशेष मार्गदर्शन तथा सहयोग प्राप्त हुआ।
रानी ने बताया कि उनकी सफलता का श्रेय माता-पिता, पति ,सास ससुर एवं मेंटोर्स कृष्णा जी, नीरज जी, शेखर आदि को जाता है। आत्मनिर्भर बनने की प्रेरणा पिताजी से पढ़ाई के आरंभिक चरण में हीं मिल गई थी। इसलिए पढ़ाई (एमएससी) करने के दौरान ही 2012 में स्टेट बैंक में पीओ के रूप में ज्वाइन किया। उसके बाद बैंक में अधिकारी की नौकरी करते हुए, घर परिवार संभालते हुए और दो बच्चों की मां बनने के बाद भी उन्होने अपने लक्ष्य को प्राप्त करने की उत्कट इच्छा को जीवित रखा और अपनी लगन, मेहनत, आत्म बल से 67वीं बीपीएससी में एमईओ के पद पर चयनित हुई।
वे बताती है कि लड़की की शादी और बच्चे हो जाने के बाद भी अपनी पहचान बनाने का मौका हमेशा उसके पास होता है। जरूरत है तो सिर्फ उसे पहचानने की। लड़कियों को भी अपना लक्ष्य हमेशा केंद्र में रखकर अपनी सारी जिम्मेदारियां और संघर्ष को सकारात्मक दिशा देते हुए लक्ष्य प्राप्त करने की कोशिश करनी चाहिए।
पेरेंट्स को भी लड़के लड़की में भेदभाव न कर उन्हें लड़कियों की काबिलियत पर भरोसा करना चाहिए।