पूर्णियाबिहार

ई – संजीवनी मध्यम से जिले ने 3,168 टेलीकंसलटेंसी कर राज्य में पाया दूसरा स्थान:

जिलाधिकारी का मार्गदर्शन स्वास्थ्य विभाग के लिए मिल का पत्थर हो रहा है साबित: सिविल सर्जन

टेलीकंसल्टेंसी के दौरान जिले के पांच चिकित्सकों ने प्राप्त किया सर्वोच्च स्थान: डीपीसी

जिले के पांच स्वास्थ्य कर्मियों ने टेलीमेडिसिन सेवा में कराई दमदार उपस्थिति: डीएमएनई

अनुज श्रीवास्तव/संजय सिंह
बिहार/पूर्णिया, 02 नवंबर।राज्य में संस्थागत प्रसव के अलावा बच्चों के टीकाकरण में बीसीजी के साथ साथ ओपीवी और त्रैमासिक में प्रसव पूर्व जांच (एएनसी) के पंजीकरण के मामले में पूर्णिया जिला की राज्य में प्रथम स्थान के बाद महीने की शुरुआत भी अच्छी हुई है। जिला ने ई – संजीवनी माध्यम से टेलीकंसलटेंसी की सेवाओं में राज्य में दूसरा स्थान प्राप्त किया है। बता दें कि ई-संजीवनी के माध्यम से टेलीमेडिसीन से चिकित्सीय परामर्श दिया जा रहा है। जिसके तहत अधिक से अधिक लोगों को इसका लाभ पहुंचाना स्वास्थ्य विभाग का लक्ष्य है। सिविल सर्जन डॉ अभय प्रकाश चौधरी ने बताया कि राज्य मुख्यालय की ओर से मिले 2,360 के लक्ष्य के अनुरूप जिले के सभी प्रखंडों में 3,168 ई – संजीवनी टेलीकंसलटेंसी के माध्यम से टेली मेडिसिन की सुविधाएं मुहैया कराई गई हैं। जिसमें बनमनखी में 354, पूर्णिया पूर्व में 326, के नगर में 301, बैसा में 276 और अमौर में 276, बड़हरा कोठी में 266, कसबा में 244, श्री नगर में 222, रूपौली में 202, बायसी में 182, भवानीपुर में 151, धमदाहा में 142, जलालगढ़ में 119 जबकि डगरूआ में 107 टेलीमेडिसिन कर निःशुल्क दवा दी गयी है।

सिविल सर्जन डॉ अभय प्रकाश चौधरी ने कहा कि जिलाधिकारी के निर्देशन में स्वास्थ्य विभाग की ओर से जिले के हर एक नागरिक को स्वास्थ्य सेवाएं मयस्सर हो इसके लिए जिलाधिकारी कुंदन कुमार का मार्गदर्शन और दिशा निर्देश अनवरत मिलता है। जिसके फलस्वरूप हम लोग स्वास्थ्य के क्षेत्र में उत्कृष्ट प्रदर्शन करते आ रहे हैं। विभागीय स्तर पर ग्रामीण क्षेत्रों के निवासियों की स्वास्थ्य सुविधाएं उपलब्ध कराने के उद्देश्य से ई- संजीवनी सेवा की सुविधा स्वास्थ्य केंद्रों के माध्यम से दी जा रही है। जिले में टेलीमेडिसिन सेवाओं को शत प्रतिशत लागू करने के लिए हब और स्पॉक के द्वारा ऑनलाइन उचित परामर्श और समुचित इलाज़ कराया जाता है।

टेलीकंसल्टेंसी के दौरान जिले के पांच चिकित्सकों ने प्राप्त किया सर्वोच्च स्थान: डीपीसी
स्वास्थ्य विभाग के जिला योजना समन्वयक डॉ सुधांशु शेखर ने बताया कि सुदूर ग्रामीण क्षेत्रों में स्वास्थ्य सेवाएं को लागू करने के लिए जिलाधिकारी कुंदन कुमार के दिशा निर्देश और सिविल सर्जन डॉ अभय प्रकाश चौधरी के मार्गदर्शन में सार्थक प्रयास किया जाता है। ताकि जिले का मान और सम्मान बढ़ाया जा सके। महीने के प्रथम बुधवार को हुए विशेष रूप से टेलीकंसल्टेंसी के दौरान जिले के पांच चिकित्सकों ने सर्वोच्च स्थान प्राप्त किया है। जिसके बदौलत राज्य में दूसरा स्थान प्राप्त किया है। जिसमें रूपौली के डॉ विक्रम कुमार ने 403, कसबा के डॉ विकास पासवान ने 283, बनमनखी की डॉ संध्या श्री ने 270, बड़हरा कोठी के डॉ मिथिलेश कुमार ने 190 जबकि बायसी की डॉ अंकिता कुमारी ने 183 टेलीकंसलटेंसी कर स्वास्थ्य सुविधाएं मुहैया कराई हैं।

जिले के पांच स्वास्थ्यकर्मियों ने टेलीमेडिसिन सेवा में कराई दमदार उपस्थिति: डीएमएनई
जिला अनुश्रवण एवं मूल्यांकन पदाधिकारी (डीएमएनई) आलोक कुमार ने बताया कि शहर से लेकर ग्रामीण स्तर पर स्वास्थ्य सेवाएं उपलब्ध कराने की जिम्मेदारी सामुदायिक स्वास्थ्य अधिकारी और एएनएम की होती है। जिसको धरातल पर उतारने के लिए ई- संजीवनी के माध्यम से अपने- अपने पोषक क्षेत्रों में रोगियों की टेलीकंसल्टेंसी कर सर्वोच्च स्थान पाने वाले पांच स्वास्थ्यकर्मियों द्वारा अपनी दमदार उपस्थिति दर्ज करायी गयी है। जिसमें अमौर के हेल्थ एंड वेलनेस सेंटर सलता के सीएचओ, बनमनखी के स्वास्थ्य उपकेंद्र एकराहा की नीतू कुमारी, कसबा के स्वास्थ्य उपकेंद्र बसंतपुर की अनिता कुमारी, के नगर के स्वास्थ्य उपकेंद्र रामपुर मिलिक की जूही बेगम और कसबा के स्वास्थ्य उपकेंद्र मटकोपा की पुष्पा कुमारी के द्वारा अत्यधिक टेली कंसलटेंसी करायी गयी है।

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