उ.प्रगाजीपुर

छठ पर्व के शुभ अवसर पर ग्राम सभा कटघरा के सती मां पोखरे पर लगी श्रद्धालुओं की भारी भीड़

अनुज श्रीवास्तव/अवनीश सिंह
उ.प्र./गाजीपुर। छठ त्यौहार के मद्देनजर हर ग्राम सभा में इसके लिए तैयारी जोरों पर की जा रही थी। ऐसे ही ग्राम सभा में एक ग्राम सभा कटघरा आती है जो गाजीपुर जिले के मनिहारी ब्लॉक के अंतर्गत पड़ता है।बता दें यहां एक बड़ा ही सुंदर मनोरम सती मां के पोखर के नाम से प्रसिद्ध विशाल पोखरा है जिस पर ग्राम सभा कटघरा,खुटवा तथा कुछ सौरी की महिलाएं छठ पूजा करती हैं।

यह महिलाएं छठ त्यौहार पर पहले दिन लौकी भात से शुरू करती हुई खीर रोटी से होता हुआ सूर्य के प्रथम दिन के अर्घ्य के दिन पोखरे पर उपस्थित होती हैं तथा प्रथम दिन अस्त होते हुए सूर्य को अर्घ्य देती हैं।फिर सुबह भोर में ही पोखरी पर पहुंचकर पुनः पानी में प्रवेश करती हैं और सूर्य के उदय होने का इंतजार करती रहती है और सूर्य के उदय होने पर पुनः उन्हें अर्घ्य प्रदान किया जाता है। हालांकि छठ का पर्व नया नहीं है। पौराणिक मान्यताओं के अनुसार छठ की परंपरा सतयुग से ही चली आ रही है।

उसमें राजा प्रियंबद ने पुत्र प्राप्ति के लिए छठ का पूजा किया था। त्रेतायुग में भगवान राम और सीता ने छठ का पूजन रावण को मारकर अयोध्या लौटने पर राम राज्य की स्थापना के लिए किया था।उतना ही नहीं द्वापरयुग में रानी द्रोपदी ने भी पांडवों के अच्छे स्वास्थ्य एवं उनके राज्य पाठ की वापसी के लिए भी छठ का व्रत किया था। कर्ण तो सूर्यपुत्र ही था। सूर्यपुत्र होने के कारण प्रतिदिन नदी में नहा कर सूर्य को अर्घ्य देता था। इस तरह से अपनी मनोकामनाओं को पूर्ण करने के लिए छठ का पूजा की पुरानी परंपरा है।जो आज भी युगो युगो से चली जा रही है।आज भी महिलाएं अपने पतियों की लंबी उम्र के लिए,पुत्रों के अच्छे स्वास्थ्य एवं दीर्घायु होने के लिए तथा तमाम तरह की मनोकामनाओं को पूर्ण करने के लिए छठ व्रत का त्योहार करती हैं। कटघरा ग्राम सभा के पोखरे का दृश्य भी बड़ा विहंगम था।वहां के प्रधान की भी जितनी प्रशंसा की जाए वह कम ही था।कटघरा ग्राम सभा के प्रधान त्रिभुवन राम जिन्होंने पोखरे पर साफ सफाई एवं प्रकाश की अद्भुत व्यवस्था कर रखी थी जो की छठ त्यौहार में और मनोरम दृश्य प्रस्तुत कर रहा था।इस साफ सफाई एवं प्रकाश की व्यवस्था के लिए लोगों ने ग्राम प्रधान त्रिभुवन राम को दिल से बधाई दी।और फिर सुबह सूर्योदय के बाद सूर्य को अर्घ्य देने के बाद धीरे-धीरे अपने घरों की तरफ श्रद्धालु चले गए। और फिर पूजा इस तरीके से सकुशल संपन्न हुई।थानाध्यक्ष सत्येंद्र राय की तरफ से पोखरे पर पुलिस की भी व्यवस्था की गई थी।जिसमें शाम और सुबह पुलिस वालों ने भी अपनी ड्यूटी को बखूबी निभाया।इस तरह से अगर कहा जाए तो बड़े ही अच्छे ढंग से छठ पूजा का त्यौहार बीत गया।

Related Articles

Back to top button