अनुज श्रीवास्तव/अवनीश सिंह
उ.प्र./गाजीपुर। जिले की सैदपुर तहसील में तैनात लेखपाल हरि गोविंद कुशवाहा को बृहस्पतिवार के दिन सतर्कता अधिष्ठान के वाराणसी सेक्टर की टीम ने रंगे हाथ गिरफ्तार कर लिया।बता दे की देवकली ब्लाक के महमूदपुर हथिनी के ग्राम प्रधान मनोज कुमार ने जमीन की पैमाइश के लिए सैदपुर के नायब तहसीलदार को 3 जनवरी को प्रार्थना पत्र दिया था।सैदपुर तहसील के नायब तहसीलदार द्वारा जांच और आवश्यक कार्रवाई के लिए प्रार्थना पत्र देकर लेखपाल हरि गोविंद सिंह कुशवाहा को भेजा गया।
जब हरि गोविंद सिंह कुशवाहा को यह मामला दिया गया तो उनके द्वारा प्रधान मनोज कुमार से ₹10000 घूस मांगी जा रही थी।इस पर मनोज कुमार द्वारा उत्तर प्रदेश सतर्कता अधिष्ठान वाराणसी के पुलिस अधीक्षक को एक शिकायती प्रार्थना पत्र दिया गया। जांच के बाद आप सही पाए जाने पर हरगोविंद सिंह कुशवाहा को घूस लेते हुए सैदपुर क्षेत्र के पियरी बाजार से रहे हाथ गिरफ्तार कर लिया गया।अब प्रश्न यह होता है की पैमाइश से लेकर खारिज दाखिल विरासत आदि मामलों में लोगों से तहसील का चक्कर लगवाया जाता है तो क्या कहीं केवल रिश्वत के लिए ही तो चक्कर नहीं लगवाया जाता?अब तो लोगों द्वारा यहां तक आरोप लगाया जाता है बिना पैसे खर्च किए गाजीपुर जिले में कोई काम नहीं हो रहा है।अभी कुछ दिन पहले 28 दिसंबर को कासिमाबाद तहसील परिसर से लेखपाल सुरेंद्र राम को घूस लेते हुए गिरफ्तार किया गया था। कासिमाबाद तहसील क्षेत्र के मुहम्मदपुर टड़वा गांव निवासी हरिराम चौहान खेत का सीमांकन करने के लिए वर्ष 2018 से ही परेशान चल रहे थे।जब समाधान दिवस आदि पर कई प्रार्थना पत्र देकर थक हार गए तब क्षेत्रीय लेखपाल सुरेंद्र राम खेत की पैमाइश और सीमांकन कार्य के लिए पैसे की मांग किया।इसी क्रम में सुरेंद्र राम की एंटी करप्शन टीम ने गिरफ्तारी की थी।उन्हें नोनहरा थाने में मुकदमा दर्ज करते हुए जेल भिजवा दिया गया था।