‘बुजुर्गों का आदर और उनकी सेवा करें’ नाटक की हुई प्रस्तुति
अनुज श्रीवास्तव/रंजीत सिन्हा
बिहार/फुलवारी शरीफ। सर्वमंगला सांस्कृतिक मंच के साप्ताहिक नुक्कड़ नाटक की श्रृंखला में महेश चौधरी के द्वारा लिखित एवं निर्देशित नाटक- “बुजुर्गों का आदर और उनकी सेवा करें” की प्रस्तुति वाल्मी,फुलवारी शरीफ में की गई।
सौरभ राज के स्वरबध्द गीत- पहले पूजीह मात-पिता के बंदे तब पूजीह काशी मथुरा- ना विश्वास हो तो बंदे देख ल पुराण उठा के… से की गई।
नाटक के माध्यम से एक सच्ची घटना पर आधारित कहानी को दिखाया गया कि आज युग बदल गया है, जिंदगी बदल गई है। पहले पिता के चेहरे में ईश्वर दिखाई देते थे, मां के चरणों में स्वर्ग। लेकिन आज की पीढ़ी होशियार हो गई है, उनके लिए हर रिश्ता एक सीढ़ी की तरह है जिस पर पांव रखकर वह आगे निकल जाते हैं। माता-पिता किसी सीढ़ी के पहले पायदान नहीं होते हैं वे जिंदगी के जड़ है। पेड़़ कितना भी हरा-भरा और बड़ा क्यों ना हो जाए पर जड़ काटने से वह सूख जाता है। बुजुर्गों का आदर और उनकी सेवा करें। वे आपके लिए हमेशा पुस्तकालय का काम करेंगे, जिससे आप अपने भविष्य में आने वाली समस्याओं से बच सकते हैं।
नाटक के कलाकार महेश चौधरी, सौरभ राज, मोनिका राज, अमन, करण, पूजा, स्वेता, पुष्पा थे।