कठुआजम्मू

महिला अधिकार संगठन कठुआ ने भी मनाया अंतरराष्ट्रीय महिला दिवस

कान्फ्रेंस में शामिल सभी मेमबरों ने शहर के इर्द गिर्द लगने वाली रैड कैटागिरी की इंडस्ट्रीज से बिगड़ने बाले पर्यावरण और आने खतरनाक बिमारियों से बचने के लिए प्रस्ताव किया पारित

जम्मू कश्मीर/कठुआ में महिला अधिकार संगठन के कार्यकर्ताओं ने अंतरराष्ट्रीय महिला दिवस मनाते हुए दुनिया की सभी महिलाओं को मुबार वाद दी । महिला अधिकार संगठन, जम्मू कश्मीर की प्रधान ने कठुआ में महिला दिवस मनाते हुए खुशी जताई और कान्फ्रेंस में आई हुई सभी बहनों का धन्यवाद किया। महिला दिवस मनाते हुए महिला अधिकार संगठन की जिला प्रधान प्रिती शर्मा, जिला सचिव सुषमा अवतार,उप प्रधान कुसुम सलारिया तथा जिला कार्यकारिणी की सिनियर नेता नीलम चढ्ढा , रीटा शर्मा, स्वर्णा शर्मा,रिम्पी शर्मा, लवलीन शर्मा,नीशा महता,सतवंत कौर, स्वाति कुमारी, स्वर्णा देवी ,बगैरा ने अपने बिचार रखे। इस मौके पर जानकारी देते हुए संतोष खजुरिया ने बताया कि दुनिया की प्रत्येक महिला अद्भुत कर्मठता और संघर्ष का जीता जागता प्रमाण है, उसके अद्वितीय साहस को हम रोजाना महसूस कर सकते हैं। अल्सुबह से लेकर देर रात तक वह हर वक्त अपने श्रम का इतिहास रचती है। आज के इस युग की गृहणी  बच्चों की आया भी है, वह नौकरीपेशा और मज़दूर किसान होकर भी पति और उसके परिवार की भी सहयोगी की भूमिका का निर्वहन बड़ी ही मेहनत से करती है। इस सबके बावजूद समाज उन्हें क्यों दोयम दर्जा मानता है। आखिरकार क्यों? यह हमारी सोच का और कर्मभूमि का विषय होना चाहिए।
आगे बात करते हुए संतोष खजुरिया ने कहा कि भारत में भी सरकारें 8 मार्च अन्तर्राष्ट्रीय महिला दिवस को सन् 1975 से एक रस्म बतौर मनती जा रही हैं । हालांकि इस बीच महिलाओं ने कुछ उपलब्धियों को निश्चित तौर पाया है किंतु इस सबके बावजूद देश में आज भी होलिका दहन सीता की अग्निपरीक्षा जैसी कई स्त्री विरोधी परिपाटी हैं। आज जब हम बालविवाह, विधवा विवाह, बेमेल विवाह और दहेज के विरोध में खड़े हो चुके हैं परंतु हमारी दोहरी और कमजोर मानसिकता और बेचारगी अभी भी दर्शाती है।
इस दिवस पर वो दर्द भी याद आया यो जलते मणिपुर की नग्न महिलाओं ने सहा ।अन्तर्राष्ट्रीय ख्याति प्राप्त महिला पहलवानों की भी याद आई जिन की आवाज का शर्मनाक दमन है। इस पर गंभीरता से महिला दिवस पर विमर्श होना चाहिए है।
कान्फ्रेंस में शामिल सभी मेमबरों ने प्रस्ताव पारित किया कि हमें एकजुट होकर अपने शहर के इर्द गिर्द लगने वाली रैड कैटागिरी की इंडस्ट्रीज से बिगड़ने बाले पर्यावरण और आने खतरनाक बिमारियों से बचने के लिए सचेत होना होगा। शहर में सीबरेज सिस्टम वनना चाहिए । हर गली में लाईटें फौरी लगनी चाहिए और हर घर तक सफाई का प्रबंध किया जाना चाहिए। जबकि कार्यक्रम में उपस्थित आई डी पी के वरिष्ट नेता व पीस एक्टीविस्टस आई डी खजुरिया ने कहा मानवीय समाज में हमेशा से विचारों की अंतर किर्या ब संघर्ष रहा है एक विचार हमेशा तरक्कीपसंद रहा और दुसरा रुढ़िवादी। आज एकबार फिर मनुवादी सोच बढ़ाई जा रही है इसलिए आज के इस धूर्त और चालाक समय में निर्भय होकर सभी महिलाओं को आगे आने की महती आवश्यकता है। संवैधानिक अधिकारों के लिए संघर्ष का पथ चुनें साथ साथ चलें यही सबसे अहम् ज़रूरत है दृढ़ता पूर्वक अपने परिवार का समर्थन, समाज का समर्थन क्योंकि सामाजिक आडंबरों और मान्यताओं के नाम पर सबसे ज्यादा शोषण होता है। दूसरी ज़रूरत है संघर्षरत महिलाओं के प्रति सकारात्मक रुख रखने उनके साथ खड़े होने की। तीसरी बात यह भी सबको स्मरण कराएं अब तक जो भी हक मिले हैं संविधान ने दिलाए हैं यदि वही ना रहा तो? इसकी चिंता में सब शामिल हों उम्मीद है हम सब अंतरनिर्भर हैं हम सब जागेंगे नेई दुनिया बनायें गे जो मानव व प्रक्रिति का संतुलन कायम रखते हुए विकास माडल तय करेगी ।

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