अनुज श्रीवास्तव/रंजीत सिन्हा
बिहार/पटना। केंद्रीय गृह एवं सहकारिता मंत्री अमित शाह ने मुंबई में इंडिया ग्लोबल फोरम के वार्षिक निवेश शिखर सम्मेलन- एनएक्सटी 10 को संबोधित किया। इस मौके पर शाह ने यह स्पष्ट किया कि, ‘मोदी ने 10 साल में 40 से अधिक नीतियाँ बनाकर देश की अर्थव्यवस्था को शेप देकर पालिसी-ड्रिवेन स्टेट का बेहतरीन उदाहरण प्रस्तुत किया है।’ दुनिया जानती है कि दूरद्रष्टा मोदी के नेतृत्व और अंत्योदय की राजनीति करने वाले अमित शाह के मार्गदर्शन में केंद्र सरकार ‘निष्क्रिय’ से ‘गतिशील’ हुई है, भारत की वृद्धि ‘प्रतिगामी’ से ‘प्रगतिशील’ हुई है और अर्थव्यवस्था ‘नाजुक’ से ‘शीर्ष’ में बदल चुका है। भारत आज फ्रैजाइल 5 से टॉप 5 इकॉनमी में पहुँच चुका है। नया भारत वैश्विक मानचित्र पर डार्कस्पॉट से ब्राइटस्पॉट बन कर उभरा है। 10 साल की सरकार ने 50 से ज्यादा युगपरिवर्तनकारी फैसले लिए हैं। जिनमें शामिल हैं – नोटबंदी, जीएसटी, जन धन, तीन तलाक, नई शिक्षा नीति, सीएए, धारा 370 और 35 ए, नई शिक्षा नीति, नारी शक्ति वंदन अधिनियम, तीन नए कानून, राम मंदिर का निर्माण, नए संसद भवन का निर्माण, कर्तव्यपथ का निर्माण, नॉर्थ ईस्ट, कश्मीर और वामपंथी उग्रवाद जैसे तीन बड़े हॉट स्पॉट पर लगाम, घर-घर बिजली, गैस और जल, 5 लाख रुपये तक का मुफ्त इलाज, किसानों को आर्थिक मदद, सर्जिकल स्ट्राइक और एयर स्ट्राइक आदि। ऐसे और भी कई फैसले हैं जिसने भारत को पूरे विश्व में एक नई पहचान दिलाई है। भारत का हर नागरिक जानता है कि साल 2004 से 2014 तक जब केंद्र में सोनिया-मनमोहन की सरकार थी, उस दौरान देश की अर्थव्यवस्था दुनिया में 11वें नंबर पर थी, लेकिन प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी की सरकार ने बीते 10 वर्षों में देश की अर्थवस्था को 5वें नंबर पर लाने का काम किया है।