फुलवारी शरीफबिहार

बांटिए नहीं जोड़िए नाटक की हुई प्रस्तुति

अनुज श्रीवास्तव/रंजीत सिन्हा
बिहार/फुलवारी शरीफ। सर्वमंगला सांस्कृतिक मंच की ओर से साप्ताहिक नुक्कड़ नाटक की श्रृंखला में महेश चौधरी द्वारा लिखित एवं मिथिलेश कुमार पांडे निर्देशित नाटक- “बांटिए नहीं जोड़िए” की प्रस्तुति वाल्मी,फुलवारीशरीफ पटना में की गई।
नाटक की शुरुआत सौरभ राज के स्वरबध्द गीत- हिंदू बांटा मुस्लिम बांटा, बांट दिया भगवान को, एक गुजारिश दुनिया वाले मत बांटो इंसान को, अनेकता में एकता ही देश की पहचान है, हिंदू मुस्लिम सिख इसाई सब जन एक समान है…से की गई।
नाटक के माध्यम से यह दिखाया गया कि कितना अच्छा हमारा समाज था। कोई कलीम चाचा, नासिर भाई तो कोई श्याम भैया होते थे। ताजिया निकलने पर हम सब उसके नीचे से पार होते थे। जुलूस में करतब और कलाबाजियां देखते थे। रामनवमी पर भी कलीम भाई करतब दिखाते थे। ईद में हम सब सेवईयां खाते तो होली में उन्हें पूवे-पकवान खिलाते लेकिन अब कलीम भाई मुसलमान हो गए और हम हिंदू।
सुविधाओं के मामले में तो हम बहुत आगे बढ़ गए लेकिन मानसिक स्तर पर पीछे चले जा रहे हैं। आखिर नासिर चाचा और कलीम भाई वाले जमाने को भूलकर हम किस दौर में जा रहे हैं? खाना पहुंचाने वाला लड़का हिंदू है या मुसलमान इसी में फंसे रहेंगे। ओला, उबर या ट्रेन, बसो के ड्राइवर किस धर्म और जाति के हैं, अब यह चेक करेंगे। किस किसको कहां-कहां तक बाटेंगे। सर्वधर्म संभाव वाले इस देश को न जाने किसकी नजर लग गई है। हमें अपने गांव समाज और देश की तरक्की की बातों पर चिंतन करना चाहिए, नाकि कौन किस जाति और मजहब का है।
नाटक के कलाकार महेश चौधरी, मिथिलेश कुमार पांडे, सौरभ राज, अमन, करण, शशांक, कंचन कुमारी, शिखा कुमारी और श्वेता कुमारी थी।

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