जो भी संसार में आया, माता के गर्भ से जन्म लिया। चाहेवे अवतार ही क्यों न थे। पर कबीर साहिब माँ के पेट से नहीं आए :-सद्गुरु श्री मधुपरमहंस जी महाराज
जम्मू/अखनूर
साहिब बंदगी के सद्गुरु श्री मधुपरमहंस जी महाराज ने आज अखनूर, जम्मू में अपने प्रवचनों की अमृत वर्षा से संगत को निहाल करते हुए कहा कि जो भी संसार में आया, माता के गर्भ से जन्म लिया। चाहेवे अवतार ही क्यों न थे। पर कबीर साहिब माँ के पेट से नहीं आए। कई जगहों पर उन्होंने बोला कि वेउस अमर लोक से जीवों के कल्याण के लिए आए हैं। कबीर साहिब को विरोधी तबके ने छोटा करके
दिखाया। जैसे आजकल किसी भी आदमी पर लांछन लगाओ तो मीडिया फैला देती है। बाद में चाहेपता चल जाए कि ठीक है, पर आधे से ज्यादा लोगों के दिल में वो चीज बैठी रहती है।कबीर साहिब के लिए लोगों ने जमकर कुप्रचार किया। बड़े बड़े उनकी शरणागति आ गये। यहाँ पर कर्मकांडियों को मुश्किल हुई। काशी के राजा बीरसिंह बघेल उनके शिष्य हुए। इतिहासकारों को धन्यवाद दूँगा कि इतना तो लिख दिया। काशी हिंदुओं की धर्म नगरी है। उनका राजा साहिब का शिष्य हो गया। इस तरह अवध का नवाब बिजलीखान पठान भी उनका शिष्य हुआ। काशी का सबसे विद्वान पंडित सर्वदानन्द भी उनका शिष्य़ हो गया। दुनिया में दो तरह के नास्तिक हैं। एक तो वो हैं जो परमात्मा को नहीं मानते हैं। वो बालक की तरह हैं। समझाओ तो समझ जायेंगे। मेरे पास एक वैज्ञानिक आया। वो बोला कि विज्ञान ईश्वर को नहीं मानता है। मैंने कहा कि तुम अभी नये वैज्ञानिक हो। जब तुम बड़े बन जाओगे तो मानोगे। आपके पास कान में
सिस्टम है, नाक में सिस्टम है, मुँह में सिस्टम है। हृदय है। वो सबके लिए बोले जा रहा था कि स्वाभाविक है। बड़ी होशियारी से बनाया गया रोबट है। कितनी कला से मानव तन बनाया गया है। वो बोलता जा रहा था कि नेचुरल। मैंने पूछा कि क्या है नेचर। जल, वायु, पृथ्वी, आकाश, आग ही न। बाद में उसे मैंने समझा दिया कि कोई पावर है।इस तरह साहिब ने क्या कहा, समझे। लोगों ने कबीर साहिब का विरोधात्मिक प्रचार किया। कबीरसाहिब ने पाखंड पर प्रहार किया। इससे कई लोगों का रोजगार खत्म हो रहा था। इसलिए कहीं कुँआरी ब्राह्मणी का बेटा बोला, कहीं जुलाहा बोला, कहीं कुछ। अभी भी जनमानस के दिल में उनके लिए वही बैठा है। कबीर साहिब हजारों शब्द में बोल गये कि उस अमर लोक से आया हूँ। वेद, कितेब उसका भेद नहीं जानते हैं। उस समय साहिब ने 52 लाख लोगों को दीक्षा दी थी। तब भारत की जनसंख्या बहुत कम रही होगी। उन्होंने किसी को नकारा नहीं। बस बोला कि इस तीन लोक के परे एक अमर लोक है।