अनुज श्रीवास्तव/रंजीत सिन्हा
बिहार/पटना : बाबा साहेब डॉ. भीमराव अम्बेदकर की 134 वीं जयंती के अवसर पर “ममता इंस्टीट्यूट ऑफ एजुकेशन”, चिंतामनपुर, दरौंधा, सिवान स्थित संस्थान के सभागार में विशेष कार्यक्रम का आयोजन किया गया। इस अवसर पर कार्यक्रम का शुभारंभ नीरज कुमार गुप्ता ने किया। सर्वप्रथम सभागार में उपस्थित सभी वरीय पदाधिकारी बाबा साहेब भीमराव अम्बेदकर की प्रतिमा पर माल्यार्पण करते हुए दीप प्रज्जवलन कर विधिवत रूप से कार्यक्रम की शुरुआत की। जिसके बाद प्रार्थना सभा का आयोजन किया गया तथा लघु नाटिका के माध्यम से संस्थान के छात्रा चुन्नी ने अपनी कला का प्रदर्शन करते हुए संविधान और संविधान में निहित कर्तव्यों व अधिकारों से सभी उपस्थित विद्यार्थियों और गणमान्य व्यक्तियों को रूबरू कराया। संस्थान की छात्रा जूही ने सांस्कृतिक नृत्य से सभी को मंत्रमुग्ध कर दिया। मंच का संचालन करूणा कुमारी ने किया। इस अवसर पर अम्बेदकर ग्रुप ऑफ इंस्टीट्यूशन के निदेशक आशुतोष तिवारी ने अपने संदेश में कहा कि आज देश धूमधाम के साथ अम्बेदकर जयंती मना रहा है। डॉ० भीमराव अम्बेदकर हमारे संविधान निर्माता है। कोई भी देश संविधान के बिना नहीं चल सकता है। बाबा साहेब के नाम से मशहूर डॉ भीमराव अम्बेदकर को संविधान निर्माता और संविधान का शिल्पकार कहा जाता है। उन्होने न सिर्फ संविधान निर्माण मे सबसे अहम रोल अदा किया बल्कि समाज में दलितों के उत्थान के लिये निरंतर संघर्ष करते रहे। नीरज कुमार गुप्ता ने अपने उद्बोधन में बताया कि बाबा साहब डॉ. भीमराव अम्बेदकर ने विषम परिस्थितियों में ही शिक्षा प्राप्त की और उन्होने समाज को समता का अधिकार दिया। उन्होंने अपने जीवन में सामाजिक विकास हेतु अनेक कार्य किये तथा सभी से संविधान के प्रति निष्ठा रखने की अपील की।