अनुज श्रीवास्तव/रंजीत सिन्हा
बिहार/पटना। मतदाता जागरूकता एवं नाटय शिक्षक की बहाली’ का शानदार प्रदर्शन प्रेमचंद रंगशाला में हुआ।
नाटक मतदाता जागरूकता में दशकों से अपील की गई है की अपने मत का इस्तेमाल जरूर करें, साथ ही साथ किसी के बहकावे में ना आए।
नाट्य शिक्षक की बहाली में बताया गया कि कला संस्कृति के फंड को कम कर दिया गया है और रंगकर्मियों को दी जाने वाली सुविधाओं को बंद कर दिया गया है।
नाटक में रंगकर्मियों के व्यक्तिगत जीवन के संघर्ष की अलग-अलग कहानियों को दिखाया गया है, जिसमें एक रंगकर्मी के जीवन के उस पहलू को उकेरा गया है, जहां वह पढ़ाई के बाद भी
अपने परिवार और समाज में उपेक्षित है। उन्हें स्कूल, कॉलेज में एक अदद नाट्य शिक्षक की नौकरी भी नहीं मिल सकती।
इसका कारण है कि नाटक के शिक्षकों की बहाली का कोई नियम नहीं है।
नाटक खत्म होने के बाद दर्शक तालियां बजाते हैं, स्मृति चिह्न देकर व ताली बजाकर दर्शक उन्हें सम्मानित करते हैं।
यही रंगकर्मी जब अपने घर पहुंचते हैं तो घर में इन से अजीबोगरीब प्रश्न पूछे जाते हैं। नाटक के माध्यम से सरकार से मांग करते हैं कि स्कूल और कालेजों में नाट्य शिक्षक की बहाली हो।
कलाकारों में मनीष महिवाल, रजनीश पांडे, अभिषेक राज, कृष्ण देव, सोनल कुमारी, रोहित कुमार, राम प्रवेश, प्रिया कुमारी आदि।
नाटक के लेखक और निर्देशक मनीष महिवाल हैं।