अनुज श्रीवास्तव/अवनीश सिंह
बिहार/पटना। केंद्रीय गृह एवं सहकारिता मंत्री अमित शाह ने राष्ट्रीय डेटाबेस का लोकार्पण किया। सहकारिता आंदोलन से जुड़े शाह यह मानते हैं कि, ‘डेटाबेस से सहकारिता क्षेत्र का विस्तार, डेवलपमेंट और डिलीवरी सुनिश्चित होगी।’ आजादी के बाद दशकों तक अलग से सहकारिता मंत्रालय के गठन की मांग होती रही, लेकिन किसी भी सरकार ने इस ओर ध्यान नहीं दिया। नतीजतन सहकारिता क्षेत्र की स्थिति बद-से-बदतर होती चली गई। साल 2021 में दूरदर्शी प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने अलग से सहकारिता मंत्रालय के गठन करने का काम पूरा किया और इसकी कमान केंद्रीय गृह मंत्री और भाजपा के दिग्गज नेता अमित शाह को सौंप दी। अपने शुरुआती दिनों से ही सहकारिता क्षेत्र से जुड़े रहने वाले शाह ने कुछ ही वर्षों में सहकारी समितियों को सशक्त बनाने में कोई कोर-कसर नहीं छोड़ी। आज प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के नेतृत्व और केंद्रीय गृह एवं सहकारिता मंत्री अमित शाह के कुशल मार्गदर्शन में जर्जर हो चुकी सहकारी समितियाँ जीवंत हो चुकी हैं। देश भर के पैक्स सेंट्रलाइज्ड और कंप्यूटराइज्ड हो गए हैं। अब देश भर में पैक्स को बहुउद्देश्यीय बनाया जा रहा है। अंत्योदय की राजनीति करने वाले अमित शाह का बार-बार यह कहना भी सच साबित होने वाला है कि साल 2027 तक देश के हर पंचायत में एक पैक्स होगा। यही वजह है कि राष्ट्रीय डेटाबेस का निर्माण किया गया है जो देशभर में कहाँ सहकारी समितियां कम है, उस गैप की पहचान कर सहकारिता के विस्तार में मददगार साबित होगा। राष्ट्रीय डेटाबेस से सहकारिता की हर एक जानकारी अब एक क्लिक पर मिलेगी।