उ.प्रगाजीपुर

एंटी करप्शन वाराणसी की जांच में फंसे सैदपुर बीईओ अविनाश कुमार, दर्ज हुआ मुकदमा

लेखाकार के बैक अकाउंट व मोबाइल और टैबलेट के आडियो रिकार्डिंग से हुआ खुलासा

रिश्वतखोरी के मामले में लेखाकार के साथ बीईओ की भी पाई गई संलिप्पता

पूर्व में ही सैदपुर बीआरसी के लेखाकार सुजीत शर्मा को पकड़ चुकी है एंटी करप्शन टीम

अवनीश सिंह।

गाजीपुर/उत्तर प्रदेश। यूपी सरकार की जीरो टॉलरेंस की नीति में जबरदस्त तरीके से सेंधमारी कर जिले के बेसिक शिक्षा विभाग का एक और सनसनीखेज मामला प्रकाश में आया है। हाल फिलहाल में ही सैदपुर बीआरसी से घूसखोरी के आरोप में पकड़े गये एक संविदाकर्मी लेखकार ने एंटी करप्शन वाराणसी टीम की पूछताछ में एक ऐसे सनसनीखेज मामले का खुलासा किया, जिसकी जद में बीआरसी के बीईओ (खंड शिक्षा अधिकारी) भी आ गये है। जांच पड़ताल में मामले का खुलासा होने के बाद एंटी करप्शन ने केस में बीईओ को भी मुल्जिम (आरोपित) बना दिया है। इस सम्बंध में बीएसए गाजीपुर को भी लेटर भेजने की कवायद शुरु हो गई है। इस कार्रवाई से जिले के बेसिक शिक्षा विभाग में पूरी तरह से हड़कम्प मचा हुआ है।

पूरे प्रकरण पर एक नजर-

बताते चले कि कि 21 नवम्बर को एंटी करप्शन वाराणसी की टीम ने 10 हजार रुपये घूस लेते वक्त बीआरसी कार्यालय सैदपुर के लेखाकार (संविदाकर्मी) सुजीत कुमार शर्मा को पकड़ा था। शिकायतकर्ता यशवंत सिंह पुत्र स्व. त्रिभुवन सिंह निवासी मलिकपुर थाना सैदपुर के अनुसार गैरहाजिरी से सम्बंधित फाइल के निस्तारण के नाम पर लेखाकार द्वारा 10 हजार रुपये घूस की डिमांड की जा रही है। शिकायत मिलने पर एंटी करप्शन वाराणसी की टीम ने छापेमारी कर लेखाकार को घूस लेते हुए रंगेहाथ दबोच लिया था। इस मामले में सैदपुर कोतवाली में आरोपित के खिलाफ एंटी करप्शन की टीम ने मुकदमा दर्ज कराया था।

विवेचना के दौरान हाईप्रोफाइल रिश्वतखोरी का मामला आया सामने-

एंटी करप्शन वाराणसी से जुड़े सूत्रों के अनुसार पूछताछ में लेखाकार सुजीत कुमार शर्मा ने बताया कि घूस के रुपये को कलेक्ट कर वह बीईओ सैदपुर अविनाश कुमार को एक मोटी रकम देता था। अधिकांश रुपये अकाउंट टू अकाएंट ट्राजेक्शन होता था। इसके अलावा बीईओ को कैश पमेंट भी देने का काम वह करता था। इस सम्बंध में जांच के बाद एंटी करप्शन की टीम ने पाया कि मनी ट्रांजेक्शन का मामला सही है। कई बार सुजीत के खाते से बीईओ के खाते में पैसा ट्रांसफर किया गया है। यही नहीं सरकारी टैबलेट में और लेखाकार के मोबाइल में भी घूस के पैैसे के लेनदेन को लेकर बीईओ और लेखाकार का आडियो वायस रिकार्ड मिला। इससे स्पष्ट हो गया कि लेखाकार और बीईओ के बीच घूस के रुपयों का आदान-प्रदान लम्बे समय से हो रहा था।

बीएसए समेत अन्य अधिकारियों को पत्र भेजने की तैयारी शुरु-

इस सनसनीखेज मामले में एंटी करप्शन वाराणसी कार्यालय की ओर से बीएसए हेमंत राव समेत अन्य प्रशासनिक अधिकारियों को लेटर भेजने की तैयारी शुरु हो गई है। एंटी करप्शन आफिस से जुड़े सूत्रों के मुताबिक मामला बीएसए के संज्ञान में पहुंचा दिया गया है।

वर्जन

आरोपित सुजीत कुमार शर्मा ने पूछताछ के दौरान रिश्वतखोरी के धन में बंदरबांट के सम्बंध में बीईओ की संलिप्पता की बात को कबूल कर लिया है। यही नहीं बैक अकाउंट व आडियो काल रिकार्ड भी बीईओ के निगेटिव पाया गया। इस आधार पर इस केस में दूसरे मुल्जिम (आरोपित) बीईओ अविनाश कुमार को बनाया गया है। आरोपित सुजीत कुमार की ोबाइल व उसका सरकारी टैबलेट जांच के लिए प्रयोगशाला भेज दिया गया है। नीरज सिंह- प्रभारी निरीक्षक, एंटी करप्शन वाराणसी कार्यालय

वर्जन

मामला संज्ञान में आया है, लेकिन अभी तक एंटी करप्शन विभाग की ओर से कोई पत्र मुझे नहीं प्राप्त हुआ है। पत्र प्राप्त होने के बाद अग्रिम विभागीय कार्रवाई की जायेगी। फिलहाल मैं विभागीय कार्य से लखनऊ आया हूं। हेमंत राव- बीएसए गाजीपुर

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