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सद्गुरु श्री मधुपरमहंस जी महाराज ने आज मिश्रीवाला में अपने प्रवनचों की अमृतवर्षा से संगत को किया निहाल।

सबका जम्मू कश्मीर।
जम्मू। साहिब बंदगी के सद्गुरु श्री मधुपरमहंस जी महाराज ने आज मिश्रीवाला में अपने प्रवनचों की अमृतवर्षा से संगत को निहाल करते हुए कहा कि भक्ति सब गुणों की खानि है, लेकिन सत्संग से ही इसकी प्राप्ति होती है।
हरेक इंसान धन कमाने में लगा है, क्योंकि वो जानता है कि धन से ही सारे काम हैं। भक्ति सभी गुणों को जन्म कैसे देती है और वो गुण हमें ईश्वर तक कैसे ले जाते हैं। हरेक इंसान काम कर रहा है। मन्तव्य एक है कि धन आए। सब चाहते हैं कि अच्छा आहार मिले। अच्छे आहार का आधार क्या है। पोष्टिक भोजन मिले। उसका माध्यम है धन। धन के लिए कोई कुछ काम कर रहा है, कोई कुछ। भक्ति से पार कैसे होगा।
ऊपर चढ़ने के लिए हमें एक सीढ़ी की जरूरत पड़ती है। ये सद्गुण सीढ़ी है। कहने सुनने के लिए सभी कहते हैं कि हम अच्छे आदमी हैं। अच्छे आदमी का मूल्यांकण उसकी क्रियाओं से होता है। जब ये सद्गुरु आ जायेंगे तो आपको ऊपर जाने के लिए सीढ़ी मिल गयी।
धर्मदास जी ने साहिब से पूछा कि मन ने बड़े बड़े ज्ञानियों को, ध्यानियों को भी लपेट लिया, फिर हम कैसे पार होंगे। साहिब ने कहा कि पुरुष शक्ति से मन काबू में आयेगा। धर्मदास जी ने पूछा कि ये पुरुष शक्ति क्या है। बोला कि 16 शक्तियाँ हैं परम पुरुष की। जब आपको नाम मिलेगा तो ये शक्तियाँ खुद ब खुद आ जायेंगी। आप केवल भोजन करो, बाकी काम जठर खुद करेगा। भूख है एनर्जि की कमी। शरीर के चलने के लिए एनर्जि चाहिए। जो निखट्टू बैठा है, उसको भी भोजन चाहिए। क्योंकि सभी अंग काम कर रहे हैं। आदमी केवल भोजन करता है। एक सिस्टम बना है कि बाकी काम पेट खुद करता है। इस तरह आपने नाम सुमिरन करना है, बाकी सब सद्गुण, सब शक्तियाँ आपमें खुद आ जायेंगी।
ज्ञान, सत्य, संतोष, धीरज, विवेक, निर्भयता आदि ये 16 ताकतें आपमें आ जायेंगी। ये काम, क्रोध आदि से लड़ाई करते हैं और मन वश में हो जाता है।
आपके अन्दर सब चीजें भरी पड़ी हैं, पर नजर नहीं आ रही हैं। भक्ति उन सबको उत्पन्न करने वाली है। आपको बस सुमिरन करना है। मानव जीवन का अवसर गँवाना नहीं है। जब ये ताकतें आ जायेंगी तो विकार खुद ब खुद खत्म हो जायेंगे। निर्मोही हो जायेगा। मौत को याद रखोगे तो पाप करोगे ही नहीं। विचार आ जायेगा, विवेक आ जायेगा तो पाप करेगा ही नहीं। जैसे पैसे से सब कुछ आ जाता है, ऐसे ही नाम सुमिरन से सब कुछ आ जायेगा। इस तरह ये गुण आपको खींचकर उधर ले चलेंगे।