आओ आज गणतंत्र की परिभाषा बतलाएँ।
डॉ अन्नपूर्णा श्रीवास्तव
आओ आज गणतंत्र की
परिभाषा बतलाएँ।
स्वतंत्र हुए, गणतंत्र बना,
पर मर्म समझ न पाए।
स्वतंत्रता नहीं उच्छृंखलता,
है बड़ी जिम्मेवारी ।
हर नागरिक देश का रक्षक,
तिरंगा शान हमारी।
देश है अपना, फिर कैसा यह,
गद्दारों की टोली ,
देश के टुकड़े करना चाहें
कह ‘गणतंत्र’ की बोली।
तोड़ – फोड़ नारेबाजी,
यह गणतंत्र नहीं है।
राष्ट्र हित ही सर्वोपरि,
मूल मंत्र यही है!
जन-गण-मन का अधिनायक यह,
ध्वज तिरंगा प्यारा।
इसकी रक्षा में मिट जाना,
है कर्तव्य हमारा!

डॉ अन्नपूर्णा श्रीवास्तव
पटना बिहार
मोबाइल नं 6205074693