अनुज श्रीवास्तव/रंजीत सिन्हा
बिहार/दानापुर। बी.एस. कॉलेज, दानापुर में हिंदी विभाग के द्वारा ‘धरती के धनी कथाकार’, ‘साहित्य में आचंलिकता के प्रवर्तक उपन्यासकार एवं रिपोर्ताज विधा के श्रेष्ठ रिपोर्ताज लेखक के रूप में बहुआयामी प्रतिभा से साहित्य को समाज के निम्न वर्ग, देशी भाषा एवं परम्परागत संस्कार से जोड़कर फणीश्वरनाथ रेणु की 103 वीं जयंती समारोह पूर्वक मनायी गई। सर्वजन के हित की वकालत करनेवाले, बिहार के गौरव पद्मश्री सम्मान से सम्मानित साहित्यकार फणीश्वरनाथ रेणु की 103 वीं जयंती समारोहपूर्वक मनायी गई।
समारोह का आरंभ दीप प्रज्वलित करने के बाद रेणु जी के चित्र पर पुष्पमाला एवं पुष्पांजलि अर्पित करने के साथ हुआ। अध्यक्षता महाविद्यालय की वरिष्ठ प्राध्यापिका एवं प्रभारी प्रो. मधु पाण्डेय एवं संचालन हिंदी विभागाध्यक्ष प्रो. गोपाल कुमार यादव ने किया। इस अवसर पर “फणीश्वरनाथ रेणु : व्यक्तित्व एवं कर्तृत्व” विषय पर व्याख्यान एवं उनकी रचनाओं का पुनर्पाठ किया गया। डॉ. राकेश रंजन ने रेणु जी की कहानी ‘तीसरी कसम’ पर अपना व्याख्यान प्रस्तुत किया। उन्होंने कहा कि रेणु का पहला उपन्यास ‘मैला आँचल’ भारतीय साहित्य में रेणु के स्थायी महत्त्व का आधार बन गया। वे मूलतः गहन करुणा का सृजन करनेवाले अद्भुत कथाकार हैं। डॉ. चित्रलेखा ने कहानी ‘पंचलाइट’ एवं प्रो. डॉ. शिवचन्द्र सिंह ने ‘रेणु के रिपोर्ताज ‘पुरानी कहानी : नया पाठ’ का पुनर्पाठ किया।
डॉ. गोपाल यादव के नेतृत्व में हिंदी विभाग के छात्र एवं छात्राओं सुश्री अलका, नसीमा, मौसम, राजकुमार एवं कृष्णा आदि ने फिल्म तीसरी कसम के अनेक गीतों से दर्शकों एवं श्रोताओं को मंत्रमुग्ध कर भरपूर मनोरंजन किया। राजनीति शास्त्र विभाग के डॉ. आशुतोष कुमार ने रेणु के साथ बिताये गये पलों का संस्मरण सुनाया। रसायन शास्त्र विभाग के डॉ. परशुराम राम ने रेणु जी की रचनाओं की बारीकियों का उल्लेख किया। डॉ. रीता कुमारी,डॉ. संजय कुमार, डॉ. आभास कुमार, डॉ. फिरोज आलम, डॉ. विभा मिश्रा, डॉ. चिरंतन, डॉ. विमलेश कुमार यादव आदि ने भी अपने भावोद्गार व्यक्त किये।
इस अवसर पर पूरा महाविद्यालय परिवार उपस्थित रहा। अंत में हिंदी विभाग के डॉ. राकेश रंजन के धन्यवाद ज्ञापित किया।