अनुज श्रीवास्तव/संजय राव
बिहार/बेतिया। महापौर गरिमा देवी सिकारिया ने नगर निगम क्षेत्र में जारी करोड़ों की विकास योजनाओं में गुणवत्ता और मानक अनुपालन में भारी कमी पाए जाने पर त्वरित प्रभाव से रोक लगाने और इसके जिम्मेदार पर कड़ी कार्रवाई का निर्देश दिया है। नगर आयुक्त शंभू कुमार को लिखे पत्र में उन्होंने कहा कि क्षेत्र भ्रमण और निरीक्षण के क्रम में यह पाया गया है कि विभागीय और निविदा प्रक्रिया के आधार पर आवंटित होने के बाद करोड़ों की सरकारी राशि खर्च से सैकड़ों योजनाओं का कार्यान्वयन की स्वीकृति दी गई है। इनमें से दर्जनों योजनाओं का पूरा होने का कार्य प्रगति पर है। इनमें से अनेक का निरीक्षण करने के क्रम पाया गया है कि स्वीकृत प्राक्कलन में सोन सेंड का ही उपयोग की अनिवार्यता होने के बावजूद लोकल सफेद बालू का पूरा या मिक्स कर के धड़ल्ले से उपयोग जारी है। वही प्राक्कलन के विपरित कम मिली मीटर मोटाई वाले आयरन छड़ का भी निर्धारित घनत्व से अधिक दूरी पर उपयोग किया जा रहा है। महापौर श्रीमती सिकारिया ने यह भी लिखा है कि स्वीकृत प्राक्कलन के अनुरूप निर्माण नहीं होने के कारण अनेक पीसीसी और आरसीसी नाले का आकार प्रकार अमानक स्तर का हो जा रहा है। उद्घाटन के कुछ महीने बाद अनेक निर्माण कार्य के छूटने या छतिग्रस्त होने की शिकायत लोग कर रहे हैं। ऐसी स्थिति का एक मात्र कारण नगर निगम में प्रशासनिक और अभियांत्रिकी संभाग स्तर पर अपने दायित्व का सही से निर्वहन नहीं करना है। ऐसे गंभीर सवाल उठाने के साथ ही महापौर श्रीमती सिकारिया ने निर्देशित करते हुए कहा है कि ऊपर वर्णित स्थिति को अत्यंत गंभीरता से लेते हुए सुधार की कार्रवाई तत्काल प्रभाव से होना सुनिश्चित किया जाय। भुगतान करने से पूर्व साइट इंचार्ज अभिकर्त्ता और तकनीकी पर्यवेक्षण पदाधिकारी से गुणवत्ता प्रमाणन प्रमाण पत्र प्राप्त करने के बाद ही भुगतान होना सुनिश्चित किया जाय।