
अवनीश सिंह
गाजीपुर/उत्तर प्रदेश
गाजीपुर। भांवरकोल थाना क्षेत्र के परसदा गांव में बहू की दहेज के लिए हत्या करने वालों को आखिरकार कानून के शिकंजे में कस ही दिया गया। न्यायालय ने इस जघन्य वारदात में तीनों आरोपियों को दोषी करार देते हुए सख्त सजा सुनाई है। यह मामला 2019 में दर्ज हुआ था, जो अब ‘ऑपरेशन कनविक्शन’ की बड़ी सफलता बनकर सामने आया है।
मुख्य आरोपी संदीप पटेल को न्यायालय ने धारा 304B के तहत 10 साल की सश्रम कैद सुनाई है। वहीं उसके माता-पिता रामप्रवेश पटेल और रामशीला को भी दोषी पाते हुए 7-7 साल की कैद दी गई है।
इतना ही नहीं, तीनों को 498A के तहत 2-2 साल की सजा और 3-3 हजार रुपये का जुर्माना, साथ ही दहेज प्रतिषेध अधिनियम की धारा 3/4 में 1-1 साल की कैद और 5-5 हजार रुपये का अर्थदंड भी ठोका गया है।
यह फैसला साफ करता है कि अब बहू-बेटियों पर ज़ुल्म करने वालों को सजा तय है। उत्तर प्रदेश पुलिस की मॉनिटरिंग सेल और अभियोजन की पैनी निगरानी व धारदार पैरवी ने इस केस को अंजाम तक पहुंचाया।
परसदा गांव के इन दोषियों को मिली सजा समाज के हर उस चेहरे के लिए चेतावनी है, जो दहेज के नाम पर बेटियों को जलाने की साज़िश करते हैं। गाजीपुर की अदालत ने बता दिया है — बेटियों की चीखें अब बेआवाज़ नहीं रहेंगी।