भाई-भाई का प्रेम नाटक की हुई प्रस्तुति।
अनुज श्रीवास्तव/रंजीत सिन्हा
बिहार/फुलवारी शरीफ। सर्वमंगला सांस्कृतिक मंच के साप्ताहिक नुक्कड़ नाटक की श्रृंखला में महेश चौधरी द्वारा लिखित एवं अमन राज द्वारा निर्देशित नाटक- “भाई-भाई का प्रेम” की प्रस्तुति फुलवारी शरीफ, वाल्मी में की गई।
नाटक की शुरुआत सौरभ राज के स्वरबद्ध गीत- वह दिन कहां गए जब हम राम जैसे भाई थे, अब तुम इतने बदल गये कि लक्ष्मण के बदले रावण बन गए….. से शुरू की गई।
नाटक के माध्यम से यह दिखाया गया कि एक किसान का दो पुत्र थे। एक दिन इनके पिता की मृत्यु हो जाती है उसके बाद दोनों भाइयों में राम और लक्ष्मण की तरह प्रेम रहता है। बड़ा भाई ने छोटा भाई को कभी भी पिता की कमी महसूस नहीं होने दी। बड़ा भाई खुद जमीन पर सोता था लेकिन अपने छोटे भाई को चौकी पर सुलाता था वह कभी एक रोटी कम खाकर भी सो लेता था लेकिन अपने छोटे भाई को हमेशा भरपट भोजन कराता था।कुछ दिनों के बाद छोटे भाई की शादी होती है उसके कुछ ही महीने बाद वह बिल्कुल बदल जाता है और बड़े भाई से ठीक से बात भी नहीं करता है यह सब देखकर बड़े भाई के दिल में बहुत बड़ा सदमा लगता है वह सोचने पर मजबूर होता है कि अपने छोटे भाई के परवरिश में मुझसे कौन सी भूल हूई है कि मेरा भाई मुझसे प्रेम के बदले नफरत कर रहा है। एक दिन बड़े प्यार से छोटे भाई को कहता है कि मेरे भाई मेरे जिगर के टुकड़े तुम अब कहां खो गए हो पहले वाला प्यार मुझे लौटा दो यह सुनकर दोनों भाई आपस में लिपट कर रोने लगते हैं। छोटा भाई कहता है कि भैया मैं अपनी पत्नी के चक्कर में पड़कर अपने राम जैसे भाई को मैं खोने जा रहा था लेकिन अब ऐसा नहीं होगा।
नाटक के कलाकार महेश चौधरी, मिथिलेश कुमार पांडे, सौरभ राज, अमन, करण, कंचन कुमारी, सौरभ पांडे, दिव्यांशी, कृष्णा कुमार, शशांक थे।