अवनीश सिंह।
गाजीपुर/उत्तर प्रदेश।राष्ट्रीय विधिक सेवा प्राधिकरण, नई दिल्ली से प्राप्त निर्देशानुसार जिला विधिक सेवा प्राधिकरण के तत्वाधान में शनिवार को जनपद न्यायालय में राष्ट्रीय लोक अदालत का शुुभारंभ पीठासीन अधिकारी एम.ए.सी.टी. संजय हरिशुक्ला एवं प्रभारी जनपद न्यायाधीश शक्ति सिंह अपर जिला जज प्रथम द्वारा द्वीप प्रज्वलित कर किया गया।
पीठासीन अधिकारी एम.ए.सी.टी. संजय हरिशुक्ला द्वारा लोक अदालत के सफलता हेतु सभी अधिकारियों को अधिक से अधिक निस्तारण हेतु प्रोत्साहित किया गया। इस अवसर पर प्रभारी जनपद न्यायाधीश शक्ति सिंह अपर जिला जज प्रथम द्वारा अपने संबोधन में यह कहा गया कि लोक अदालत वर्षों से लम्बित मामलों के त्वरित निस्तारण का एक अत्यन्त महत्वपूर्ण साधन है। ऐसे छोटे प्रकरण जिसमें अनावश्यक रुप से मुकदमेबाजी के कारण पक्षकारो के मध्य वैमन्यस्ता विद्यमान रहती है, को समाप्त कर सौहार्दपूर्ण वातावरण बनाने में लोक अदालत द्वारा अपनी सक्रीय भूमिका निभाई जा रही है।आज की राष्ट्रीय लोक अदालत में एक पेशन शिविर का भी आयोजन किया गया है। जिसका शुभारंभ पीठासीन अधिकारी एम.ए.सी.टी. संजय हरिशुक्ला एवं प्रभारी जनपद न्यायाधीश शक्ति सिंह अपर जिला जज प्रथम द्वारा फीता काटकर किया गया। उक्त शिविर में वृद्धा पेशन, दिव्यांग पेशन एवं विधवा पेशन में जिन पात्र व्यक्तियों को कोई कठिनाई आ रही है, उसके समाधान हेतु संबंधित विभागों के अधिकृत प्रतिनिधि उपस्थित रहे। उक्त पेंशन शिविर में जनपद गाजीपुर के दूरस्थ क्षेत्रों से आए हुए व्यक्तियों द्वारा लाभ उठाया गया। राकेश कुमार- सेवेन नोडल अधिकारी, लोक अदालत गाजीपुर एवं विजय कुमार-चतुर्थ अपर जिला एवं सत्र न्यायाधीश/सचिव पूर्णकालिक जिला विधिक सेवा प्राधिकरण, गाजीपुर, द्वारा राष्ट्रीय लोक अदालत में निस्तारण हेतु नियत वादों की विस्तृत रूपरेखा प्रस्तुत की गई। इस अवसर पर सचिव ने बताया कि लोक अदालत से न्याय के क्षेत्र में क्रान्ति आई है और लोगो में विधिक जागरूकता भी बढ़ी हैं। उनके द्वारा जनपद न्यायाधीश के निर्देशानुसार राष्ट्रीय लोक अदालत के प्रचार प्रसार हेतु किए गए प्रयासों के बारे में संक्षेप में जानकारी दी गई। सामान्य अदालत एवं लोक अदालत में अन्तर को विस्तार से बताया गया।इस अवसर पर संजय हरी शुुक्ला, मोटर दुर्घटना दावा अधिकरण,प्रभारी जनपद न्यायाधीश शक्ति सिंह, अपर जिला एवं सत्र न्यायाधीश कक्ष सं0-01, अलख कुमारए अपर जिला एवं सत्र न्यायाधीश/विशेष न्यायाधीश एस0सी0/एस0टी0, स्वप्न आनंद, मुख्य न्यायिक दण्डाधिकारी एवं अन्य न्यायिक अधिकारीगण तथा अध्यक्ष सिविल बार एसोसिएशन व न्यायालय के कर्मचारीगण उपस्थित हुए।
इस राष्ट्रीय लोक अदालत में कुल 116186 मामले निस्तारण हेतु नियत किये गये थे, जिसमें से सुलह समझौतें एवं संस्वीकृति के आधार पर कुल 106152 वाद अंतिम रूप से निस्तारित किए गए। राजस्व विभाग के मामले, विभिन्न न्यायालयों द्वारा 32192 मामले तथा बैंक एवं अन्य विभाग द्वारा कुल 73960 मामले निस्तारित किए गए।