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किसी अनुभवी और भरोसा दलित नेता को राज्यसभा के लिए मनोनीत करे नेशनल कांफ्रेंस:कलसोत्रा

सबका जम्मू कश्मीर।
जम्मू।अखिल भारतीय अनुसूचित जाति/अनुसूचित जनजाति/ओबीसी संगठनों के परिसंघ के प्रदेश अध्यक्ष आरके कलसोत्रा ​​ने मीडियाकर्मियों से बातचीत करते हुए कहा कि कांग्रेस-एनसी अनुसूचित जाति की एक भी सीट नहीं जीत पाई, इसके बावजूद भाजपा ने उनके अधिकतर अधिकार जैसे पदोन्नति में आरक्षण समाप्त करना, जमीन का अधिकार, बैकलॉग न देना, आयु में छूट न देना, राज्य में जातिगत अत्याचार न रोकना छीन लिया और सातों सीटें जीत लीं। कांग्रेस-एनसी उनका विश्वास जीतने में विफल रही, उन्हें सोचना होगा कि ऐसा क्यों हुआ। कलसोत्रा ​​ने आगे कहा कि एनसी को शेर-ए-कश्मीर शेख मोहम्मद अब्दुल्ला की तरह काम करना चाहिए जिन्होंने दलित समुदाय को रातों-रात कानून बनाकर जमीन का मालिक बना दिया था और उस समय सभी दलित एनसी के अनुयायी हुआ करते थे। कलसोत्रा ​​ने कहा कि जम्मू प्रांत के लगभग सभी निर्वाचन क्षेत्रों में अनुसूचित जातियों की आबादी 20-25% है और उनका अच्छा खासा वोट बैंक है। कलसोत्रा ​​ने सीएम उमर अब्दुल्ला की ओर इशारा करते हुए कहा कि आज जब सरकार को राज्यसभा के लिए मनोनीत करना है तो कम से कम नेशनल कॉन्फ्रेंस को अपने किसी अनुभवी और भरोसेमंद दलित नेता को राज्यसभा के लिए मनोनीत करना चाहिए और दलित समुदाय को अपने साथ लाना चाहिए। यहां तक ​​कि नेशनल कॉन्फ्रेंस को भी अनुसूचित जाति को कैबिनेट में प्रतिनिधित्व देना चाहिए, ताकि एससी समुदाय को लगे कि नेशनल कॉन्फ्रेंस की प्रतिबद्धता उनके और उनके कानूनी अधिकारों के प्रति हितैषी है। इसके साथ ही कलसोत्रा ​​ने ओबीसी के लिए कहा कि भाजपा सरकार ने उनके साथ भी बुरा व्यवहार किया है, पीएम मोदी ने वोट मांगते समय कई बार मंडल कमीशन की रिपोर्ट लागू करने की बात करके तीन बार सरकार बनाई, लेकिन जम्मू-कश्मीर में 8 % आरक्षण देकर उन्होंने फॉरवर्ड क्लास को जोड़कर ओबीसी का दर्जा कमजोर कर दिया। अगर सरकार इन वर्गों को साथ लाना चाहती है तो उन्हें भी प्रतिनिधित्व देना होगा और उनकी मांगों को भी पूरा करना होगा। हिंदू मुस्लिम से मिलकर बनी ओबीसी 1931 की जनगणना में 31% थी और अब निश्चित रूप से 40% से ऊपर है।

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