मोदी : मानव, महामानव या एक कालजयी शख्शियत
आलेख: अनुज श्रीवास्तव
भारत के यशस्वी प्रधानमंत्री नरेन्द्र दामोदर दास मोदी के द्वारा प्रगति पथ के शुभारंभ उनके विरोध से ही करेंगे। आज फिर पंजाब- हरियाणा के किसानों ने अपना आंदोलन शुरू कर दिया। आपको याद होगा अपने देश का पुराना स्लोगन “जय जवान जय किसान”। यानि कि जवान और किसान हमारे देश के संपुर्ण आधार हैं। हमारे देश के किसानों की देशभक्ति और परिश्रम की एक गौरव गाथा है। फिर ये कहां के और कैसे किसान हैं कि अपने ही राष्ट्रीय संपत्ति को आग के हवाले कर देना, हिंसक प्रदर्शन करना उनके फितरत में शामिल है। जो आज फिर पंजाब- हरियाणा के शंभु बार्डर और सिंधु बार्डर पर देखने को मिला। या तो ये नेताओं के पाले हुए नकली किसान हैं या फिर किसानों के वेश में उग्रवादी तत्व हैं। न तो ये कानून का पालन करते हैं और नाहि सरकार के साथ मिल बैठ कर समाधान का रास्ता निकालते हैं।
मोदी और विरोध का चोली दामन का साथ रहा है। जब वे गुजरात के मुख्यमंत्री थे तो उनपर गोधरा कांड का दाग लगा। मगर अदालत ने उन्हें बेदाग बरी कर दिया। फिर आया उनका प्रधानमंत्रीत्तव काल। पिछले दस सालों से मोदी की हर कदम हर नीति पर विरोधियों के द्वारा प्रचंड विरोध किया गया। मगर नतीजा टांय-टांय फिस्स!! ताज़्जुब की बात ये है कि कहीं विरोध को ही मोदी ने अपने विवेक से ताकत तो नहीं बना लिया। अब तो आलम ये है कि विश्व स्तर पर भी उनके विरोधी मोदी के आगे झुकते चले जा रहे हैं। ये भारत के लिए गौरव की बात है।
नई दिल्ली में संसद भवन में झारखंड के गोड्डा से भाजपा के सांसद नीशिकांत दुबे ने भ्रष्टाचार के मामले में प्रुफ के साथ जब कांग्रेस के बड़े-बड़े सांसदों को लपेटना शुरू किया तो उनकी घिग्गी बंध गई। वहीं दूसरी ओर संसद में ही बैंगलोर (उत्तरी) से भाजपा के नौजवान सांसद तेजस्वी सुर्या ने फुल प्रुफ के साथ मोदी सरकार के उपलब्धियों को गिनाना शुरू किया तो किसी के मुंह में जुंबान नहीं थी।
ऐसा क्यों हो रहा है कि लाख विरोध के वाबजूद विरोधियों की हर चाल नाकाम हो रही है। जनता मोदी के पीछे खड़ी है और वो भी डट कर। इसका कारण कुछ परिलक्षित होने लगा है। सफेद कपड़ों में छुपे काले भ्रष्टाचारी जेल जाने लगे हैं और कुछ जाने को तैयार भागे फिर रहे हैं या अदालत के चक्कर काट रहे हैं। जब इनको कोई रास्ता नहीं दिखता तो सबसे सुगम रास्ता इन्हें मोदी विरोध ही लगता है। कुछ दिग्गज नेता तो ऐसे हैं कि ये मोदी को हटाने के लिए पाकिस्तान और चीन जैसे दुश्मन देशों से गुहार लगा रहे हैं।
लेकिन मोदी पर तो इसका लेशमात्र भी असर नहीं दिखता। वो निर्बाध गति से देशहित में अपना काम करते जा रहे हैं। कमाल तो देखिए कि अरब जैसे मुस्लिम देश में भगवान का भव्य मंदिर बन कर तैयार हो गया। इसको हम क्या कहेंगे। शुद्ध भाषा में मोदी की दबंगयी।
भारत की आबादी एक अरब चालीस करोड़ के करीब है। इतनी विशाल आबादी को लेके चलना और उनके दिलों में समा जाना कोई मानव नहीं कर सकता। या तो वो महामानव है या एक कालजयी शख्शियत है।
अब हम बड़े-बड़े शक्तिशाली देशों की बादशाहत पर नजर डालेंगे तो पाते हैं कि मोदी के नितियों से वो भी प्रभावित हैं। अमेरिका,रूस, फ्रांस, ब्रिटेन,चीन,जर्मनी, आस्ट्रेलिया, जापान,इजरायल जैसे अनेक देशों के राष्ट्रध्यक्ष मोदी यानि भारत के आगे नतमस्तक हैं। आज हर भारतवासी या विदेशों में रहने वाले भारतीय अपने को भारतीय कहने में गर्व का अनुभव करते हैं।
ANUJ SHRIVASTAV
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