अनुज श्रीवास्तव/संजय सिंह
बिहार/पूर्णिया । बिहार में सामाजिक- आर्थिक सर्वे के पहले चरण के जारी जातिगत आंकड़ों में कई तरह की विसंगतियां होने का रालोजद ने आरोप लगाया है और इसे मुख्यमंत्री नीतीश कुमार, उपमुख्यमंत्री तेजस्वी यादव तथा लालू प्रसाद के दबाव में आनन फानन में करवाई गई सर्वे का यह नतीजा बताया ।
मामले को लेकर रालोजद ने बुधवार को शहर के थाना चौक पर धरना देकर प्रदर्शन किया।
इस अवसर जिलाध्यक्ष रमेश कुशवाहा ने कहा कि राज्य सरकार द्वारा उपजाई गई यह स्थिति किसी घोटाले से कम नहीं है । रालोजद इस विसंगति को बर्दाश्त नहीं करेगी।
वहीं प्रदेश महासचिव डॉ सुरेश कुमार मेहता, नीरज मेहता, सुभाष सिंह आदि नेताओं ने कहा कि अब तो यह भी बात सामने आ रहा है कि रिपोर्ट में बहेलिया जाति, चंद्रवंशी (कहार, कमकर) जाति और माली (मालाकार) जातियों की जो संख्या बताई गयी है । वह गलत है । ऐसे में, जिन जाति वर्गों को यह लगता है कि उनकी संख्या को जान-बूझकर कम दिखाया गया है या जिनकी गणना छूट गई है । उनके भीतर हमेशा ही असंतोष का भाव बना रहेगा।
वक्ताओं ने महामहिम राज्यपाल से इसमें हस्तक्षेप करने और सम्पूर्ण आंकड़ों को जारी करने से पहले पंचायत स्तर पर आंकड़ों को दोबारा जाँच करवाने और छुटे हुए लोगों को इस सर्वे का हिस्सा बनाने की मँंग की ।
इस धरना प्रदर्शन में उपर्युक्त वक्ताओं के अलावे कुशवाहा कल्याण परिषद के जिला अध्यक्ष सच्चिदानंद मेहता, नगर अध्यक्ष नीरज कुमार साह, जिला महासचिव अनिल कुमार, युवा जिला अध्यक्ष प्रेम प्रकाश मंडल, किसान प्रकोष्ठ के जिलाध्यक्ष रंजन राणा एवं सूरज झा, अवनीश कुमार चौधरी, परमानंद मंडल, अभिषेक झा, प्रेमचंद सिंह, अजीत कुशवाहा, सन्नी गुप्ता, प्रिंस ठाकुर, कंचन दास, राजा दास, धर्मेंद्र साह, लखन दास, सिकंदर साह, अर्जुन कुशवाहा, लक्ष्मण पासवान, सिकंदर पासवान, विश्वजीत दास, करण राय, कुणाल किशोर, प्रशांत ठाकुर सहित बड़ी संख्या में कार्यकर्ता उपस्थित थे।