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नगरी रूट पर ट्रालो व टिप्परो से हो रही दुर्घटनाओं को लेकर स्थानीय युवाओं ने की पत्रकार वार्ता।

प्रशांत ने कहा कि इस रूट पर बत्ती मोड़ से लेकर नगरी ऐरवां मोड़ तक सरकारी व गैर सरकारी स्कूली संस्थाएं भी हैं। जिनमें हमारे बच्चे पढ़ते हैं ।

नगरी/कठुआ। कुछ दिन पहले नगरी रूट पर एक महिला की टिप्पर से स्कूटरी की टक्कर में हुई दुर्घटना को लेकर लोगों में रोष व गुस्सा थमने का नाम नहीं ले रहा है। लगातार इस घटना को लेकर लोग जिला प्रशासन से मांग कर रहे हैं कि इन गाड़ियों का समय परिवर्तन किया जाए या इन्हें दूसरा कोई विकल्प मार्ग दिया जाए। इसी कड़ी में शनिवार को नगरी ऐरवा मोड़ के स्थानीय युवाओं ने एडवोकेट प्रशांत मगोत्रा की अध्यक्षता में पत्रकार वार्ता की।
पत्रकार वार्ता के दौरान पंकज कुमार, मोहनलाल v अन्य युवा उपस्थित थे। पत्रकार वार्ता के दौरान एडवोकेट प्रशांत ने पिछली घटना का हवाला देते हुए कहा कि, लगता है कि जिला प्रशासन इन घटनाओं से कोई सबक नहीं लेना चाहता है। जिसे लगातार लोगों की मांग को देखते हुए पंडोरी नगरी रूट पर दिन रात चल रहें ट्राले व टिप्परो का प्रशासन समय परिवर्तन नहीं कर रहा है। जबकि इस मौके पर मगोत्रा ने आगे बात करते हुए कहा कि रूट पर चलने वाले इन वाहनों को कोई दूसरा विकल्प रास्ता भी दिया जा सकता है। जिससे नगरी रिहाशी इलाके में रहने वाले लोगों को कोई दिक्कत ना आए आगे बात करते हुए प्रशांत ने कहा कि इस रूट पर बत्ती मोड़ से लेकर नगरी ऐरवां मोड़ तक सरकारी व गैर सरकारी स्कूली संस्थाएं भी हैं। जिनमें हमारे बच्चे पढ़ते हैं । जिसे लेकर जिला प्रशासन को बार-बार याद दिलाने का प्रयास किया जा रहा है कि इन गाड़ियों का समय परिवर्तन किया जाए व इन्हें दूसरा कोई विकल्प मार्ग दिया जाए । ताकि इस रूट पर चलने वाले लोगों के साथ अनहोनी ना हो कोई दुर्घटना ना हो। वही एडवोकेट ने नगरी म्युनिसिपल कमिटी पर आरोप लगाते हुए कहा कि जिस रूट की अड्डा पर्ची नगरी मुनिसिपल कमेटी हर वर्ष टेंडर के तौर पर निकालता है वह क्षेत्र न तो नगरी म्युनिसिपल के अधीन आता है और ना ही किसी और के, जबकि धड़ले से अड्डा पर्ची काटी जा रही है। जिसे लेकर जिला प्रशासन को सोचना चाहिए कि बिना वजह लोगों को तंग किया जाता है। हालांकि नगरी म्यूनिसिपल कमेटी में बैठे अधिकारियों को भी इस पर संज्ञान लेना चाहिए ताकि बिना बजह काटी जा रही पर्ची को रोका जा सके। इस मौके पर एडवोकेट ने कुछ धारों का हवाला देते हुए कहा कि जिनके द्वारा सड़क दुर्घटनाएं होती है उन ड्राइवर को बड़ी आसानी से जमानत मिल जाती है ओर बरी होकर अपने घर चले जाते हैं । जबकि जिनके परिवार का सदस्य दुर्घटना में गुजर जाता है उनकी भरपाई कौन करेगा और उनके घर के खोए हुए सदस्य की कमी को को पूरा करेगा। इसलिए हम जिला प्रशासन को विनती करना चाहते हैं की इन गाड़ियों को जा तो कोई दूसरा वैकल्पिक मार्ग दिया जाए जा इनका समय रात के 9:00 बजे से लेकर सुबह 6:00 बजे तक रखा जाए जिससे कोई भी दुर्घटना ना हो।

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