केवीके कठुआ में पीएम-किसान योजना की 20वीं किस्त का लाइव वेबकास्टिंग कार्यक्रम आयोजित
120 से अधिक किसानों व अधिकारियों ने लिया हिस्सा, प्रगतिशील किसानों को किया गया सम्मानित

सबका जम्मू कश्मीर
कठुआ, 2 अगस्त: कृषि विज्ञान केंद्र (केवीके) कठुआ की ओर से शुक्रवार को प्रधानमंत्री किसान सम्मान निधि (पीएम-किसान) योजना की 20वीं किस्त का लाइव वेबकास्टिंग कार्यक्रम आयोजित किया गया। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने वाराणसी से वर्चुअली इस किस्त को जारी करते हुए देशभर के 9.7 करोड़ किसानों के खातों में ₹20,500 करोड़ की राशि डीबीटी के माध्यम से ट्रांसफर की।
कार्यक्रम का आयोजन SKUAST-जम्मू के निदेशक विस्तार डॉ. अमरीश वैद के मार्गदर्शन व कुलपति प्रो. बी.एन. त्रिपाठी के नेतृत्व में किया गया।
इस अवसर पर जिला विकास परिषद (डीडीसी) चेयरमैन कठुआ कर्नल (सेवानिवृत्त) महन सिंह मुख्य अतिथि के रूप में उपस्थित रहे, जबकि अतिरिक्त जिला विकास आयुक्त सुरिंदर मोहन विशिष्ट अतिथि के रूप में शामिल हुए।
डीडीसी चेयरमैन ने किसानों को संबोधित करते हुए सरकार की किसान-हितैषी योजनाओं की सराहना की और कहा कि कृषि क्षेत्र को सशक्त बनाने के लिए आधुनिक तकनीकों व कृषि क्लस्टर मॉडल को अपनाना आवश्यक है। उन्होंने केवीके कठुआ की ओर से किसानों को नवीनतम कृषि तकनीकों से जोड़ने के प्रयासों की भी प्रशंसा की।
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इस दौरान मुख्य कृषि अधिकारी कठुआ जतिंदर कुमार ने जानकारी दी कि जिले के करीब 60,000 किसान पीएम-किसान योजना का लाभ प्राप्त कर चुके हैं। उन्होंने किसानों से आह्वान किया कि वे कृषि में विविधता लाकर आय के नए स्रोत अपनाएं। विभाग द्वारा हर संभव सहयोग का आश्वासन भी दिया गया।
कार्यक्रम में 120 से अधिक किसान, महिला कृषक, पंचायत प्रतिनिधि और कृषि विभाग से जुड़े अधिकारी शामिल हुए।
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मुख्य वैज्ञानिक व केवीके प्रमुख डॉ. विशाल महाजन ने स्वागत भाषण में केवीके की गतिविधियों व किसानों के बीच उद्यमिता को बढ़ावा देने के लिए किए जा रहे प्रयासों की जानकारी दी। उन्होंने मशरूम उत्पादन, डेयरी, पिगरी व मूल्य संवर्धन जैसे क्षेत्रों में किसानों की सफलता की कहानियां भी साझा कीं।
इस अवसर पर प्रगतिशील किसानों और महिला कृषकों को प्रशंसा पत्र देकर सम्मानित किया गया।
कार्यक्रम का सफल समन्वय डॉ. अनामिका जम्वाल, विशाल शर्मा, अजय कुमार, नीरज सिंह, विजय सिंह, शबनम कुंडल, अमित कुमार, सुषांत शर्मा, राज कुमार और ऋषव शर्मा ने किया।
कार्यक्रम का समापन मुख्य वैज्ञानिक (कृषि अभियांत्रिकी) डॉ. बर्जेश अजरोवत द्वारा प्रस्तुत धन्यवाद प्रस्ताव के साथ हुआ।