सबका जम्मू कश्मीर (सूत्र)
जम्मू। जम्मू कश्मीर में बीजेपी को जल्द ही नया प्रदेश अध्यक्ष मिल सकता है. पार्टी में कई नामों पर उच्चस्तरीय मंथन चल रहा है. जातीय समीकरण और नेताओं के प्रभाव को देखते हुए नए प्रदेश अध्यक्ष का नाम तय हो सकता है.
जम्मू कश्मीर में विधानसभा चुनाव से पहले बीजेपी संगठन में फेरबदल की तैयारी है.
जम्मू। जम्मू कश्मीर में बीजेपी को जल्द ही नया प्रदेश अध्यक्ष मिल सकता है. पार्टी में कई नामों पर उच्चस्तरीय मंथन चल रहा है. जातीय समीकरण और नेताओं के प्रभाव को देखते हुए नए प्रदेश अध्यक्ष का नाम तय हो सकता है.
जम्मू कश्मीर में विधानसभा चुनाव से पहले बीजेपी संगठन में फेरबदल की तैयारी है.
जल्द मिल सकता है नया प्रदेश अध्यक्ष.
पार्टी में कई नामों पर उच्च स्तरीय मंथन चल रहा है. जातीय समीकरण और नेताओं के प्रभाव को देखते हुए नए प्रदेश अध्यक्ष का नाम तय हो सकता है.राज्य में पिछड़ी जातियां और बनिया समुदाय की अच्छी संख्या है. इस वर्ग को लंबे समय से प्रतिनिधित्व नहीं मिला है. सूत्रों का कहना है कि इन समुदायों के प्रभावशाली नामों पर चर्चा चल रही है.
इसके साथ ही यहां ब्राह्मणों के बाद राजपूत समुदाय के लोगों की भी अच्छी आबादी है। इसे ध्यान में रखते हुए किसी ऐसे प्रभावशाली राजपूत नेता की भी तलाश की जा रही है जिसकी आम लोगों के बीच अच्छी छवि हो.
2012 के बाद से राजपूत समुदाय को नेतृत्व नहीं मिला है.
इसके साथ ही यहां ब्राह्मणों के बाद राजपूत समुदाय के लोगों की भी अच्छी आबादी है। इसे ध्यान में रखते हुए किसी ऐसे प्रभावशाली राजपूत नेता की भी तलाश की जा रही है जिसकी आम लोगों के बीच अच्छी छवि हो.
2012 के बाद से राजपूत समुदाय को नेतृत्व नहीं मिला है.
बताया जाता है कि 2012 से इस पद पर ब्राह्मण समुदाय का कब्जा है. रैना 2018 से इस पद पर हैं.
सूत्रों ने बताया कि लोकसभा चुनाव में हैट्रिक लगाने वाले जुगल किशोर शर्मा भी इस पद के लिए प्रबल दावेदार माने जा रहे हैं. ऐसा इसलिए क्योंकि इस बार उनके कैबिनेट में शामिल होने की उम्मीद थी. डैमेज कंट्रोल के लिए उन्हें यह पद दिया जा सकता है.
कम मतदान भी एक कारण है
हाल ही में संपन्न लोकसभा चुनावों में, भाजपा ने जम्मू-कश्मीर में दो सीटें बरकरार रखीं, लेकिन उसका वोट प्रतिशत काफी गिर गया। पार्टी के शीर्ष पदाधिकारियों का मानना है कि अगर विधानसभा में जीत सुनिश्चित करनी है तो संगठन में नए चेहरों को आगे लाना होगा ताकि संगठन की गतिविधियों को नई ऊर्जा के साथ संचालित किया जा सके.
हाल ही में संपन्न लोकसभा चुनावों में, भाजपा ने जम्मू-कश्मीर में दो सीटें बरकरार रखीं, लेकिन उसका वोट प्रतिशत काफी गिर गया। पार्टी के शीर्ष पदाधिकारियों का मानना है कि अगर विधानसभा में जीत सुनिश्चित करनी है तो संगठन में नए चेहरों को आगे लाना होगा ताकि संगठन की गतिविधियों को नई ऊर्जा के साथ संचालित किया जा सके.