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राजकीय जी.एल.डी.एम. डिग्री कॉलेज, हीरानगर में विश्व पर्यावरण दिवस बड़ी  धूमधाम से मनाया गया

“प्लास्टिक प्रदूषण का अंत” थीम पर हुआ जागरूकता कार्यक्रम, छात्रों ने ली पर्यावरण संरक्षण की शपथ।

सबका जम्मू कश्मीर।

हीरानगर/कठुआ, गुरुवार को राजकीय जी.एल.डी.एम. डिग्री कॉलेज, हीरानगर में पर्यावरण विज्ञान विभाग, इको-क्लब तथा एनएसएस इकाई के संयुक्त तत्वावधान में विश्व पर्यावरण दिवस 2025 के उपलक्ष्य में जागरूकता कार्यक्रम का आयोजन किया गया। इस अवसर पर करीब 60 छात्रों ने सक्रिय भागीदारी दिखाई।

कार्यक्रम की शुरुआत विभागाध्यक्ष प्रो. नीरू शर्मा के व्याख्यान से हुई, जिसमें उन्होंने विश्व पर्यावरण दिवस के महत्व पर प्रकाश डालते हुए बताया कि यह दिवस संयुक्त राष्ट्र महासभा द्वारा पर्यावरण संरक्षण के उद्देश्य से निर्धारित किया गया है। उन्होंने प्लास्टिक के उपयोग से होने वाले खतरों पर चिंता जताई और बताया कि भारत विश्व का पाँचवाँ हिस्सा प्लास्टिक कचरे के रूप में उत्पन्न करता है, जो वायु, जल, मृदा एवं जीव-जंतुओं को गंभीर नुकसान पहुँचा रहा है।

प्रो. शर्मा ने माइक्रोप्लास्टिक की समस्या की ओर ध्यान आकर्षित करते हुए कहा कि यह हमारे खाद्य श्रृंखला में प्रवेश कर चुका है और अब मानव शरीर में भी पाया जाने लगा है। उन्होंने प्लास्टिक प्रदूषण से लड़ने के लिए “Reduce, Reuse, Recycle” नीति को अपनाने का आह्वान किया।

कार्यक्रम का संचालन कॉलेज की प्राचार्या डॉ. प्रज्ञा खन्ना के कुशल मार्गदर्शन में किया गया। उन्होंने छात्रों को प्लास्टिक प्रदूषण की भयावहता से अवगत कराते हुए बताया कि किस प्रकार व्यक्तिगत व सामूहिक प्रयासों से इस संकट से निपटा जा सकता है। उन्होंने कहा कि विश्व पर्यावरण दिवस जागरूकता फैलाने, जन-सक्रियता को प्रेरित करने और पर्यावरणीय स्थिरता को बढ़ावा देने का एक सशक्त माध्यम है।

सभा को संबोधित करते हुए प्रो. राकेश शर्मा ने भी प्लास्टिक के दुष्प्रभावों पर प्रकाश डाला और छात्रों को जागरूक रहने तथा दूसरों को भी पर्यावरण संरक्षण के लिए प्रेरित करने का संदेश दिया।

इस अवसर पर डॉ. अनुपमा अरोड़ा, प्रो. शापिया शमीम, डॉ. रजनी बाला, प्रो. बलविंदर और डॉ. रितु देवी सहित कई गणमान्य शिक्षकगण उपस्थित रहे।

कार्यक्रम का समापन शपथ ग्रहण समारोह के साथ हुआ, जिसमें छात्रों एवं स्टाफ ने सिंगल यूज़ प्लास्टिक का उपयोग न करने, “तीन आर” नीति को अपनाने तथा पर्यावरण संरक्षण के लिए जन-जागरूकता फैलाने की शपथ ली।

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