अनुज श्रीवास्तव/संजय राव
बिहार/बेतियां ।बाबा साहब एक दिव्य शक्ति थे ।उन्होंने सब की बात की। उनका कुछ व्यक्तिगत सिद्धांत था। हम चाहेंगे कि उसे आप धारण करें।पहला वे बचपन से किसी भी कार्य को श्रेष्ठ समझते थे,दुसरा बाबा साहब आपने कामों को कर्तव्यनिष्ठ होकर करते थे।तीसरा वे बहुत ही विनम्र स्वभाव के थे। वे कोई भी कार्य करते थे तो उसमें सामाजिक सहयोग झलकता था। इसे आप अपने जीवन में धारण करें ।हम लोग कभी अपना समाज एकजुट नहीं कर पाए। संविधान खत्म नहीं होगा किंतु आरक्षण जरूर खत्म कर देंगे। जिस समाज के पास मोरल एजुकेशन नहीं होता है ।वह सिर्फ किताबी कीड़ा बनकर रह जाता है। इसके लिए कोई भी चिंतक नहीं है। उक्त बातें स्थानीय अंबेडकर जगजीवन छात्रावास में डॉक्टर बाबा साहेब भीमराव अंबेडकर की 134वी जयंती समारोह के उपलक्ष्य पर चिकित्सक डॉक्टर शंभू राम ने कहीं। डॉ. राम ने आगे कहा कि सिर्फ शिक्षा से हमारा जीवन सुंदर नहीं होगा। बाबा साहब ब्रह्मांड के सारांश थे। हम लोगों के लिए मानसिक ,आर्थिक और शारीरिक सहयोग की जरूरत है ।वही रिटायर्ड डीएसपी रामदास बौद्ध ने कहा कि बाबा साहब ने सभी वर्गों का ध्यान किया ।संविधान में उन्होंने सभी को स्थान दिया ।हमारे पूर्वज किस तरह के थे उसका बयान नहीं कर सकता। आज भी हम लोग पिछड़े हुए हैं। नौकरियों का निजीकरण कर दिया गया है ।हमारी शिक्षा की क्या दशा है ।आप सभी जानते हैं। उच्च शिक्षा का निजीकरण कर दिया गया है। जिससे हमारे बच्चे उच्च शिक्षा हासिल नहीं कर सकते हैं ।आपके माता-पिता ने आपको यहां पढ़ने के लिए भेजा है। उनके सपनों को आप लोग सकार करें। जबकि कवि साहित्यकार डॉक्टर गोरख प्रसाद मस्ताना ने कहा कि हम सामाजिक चेतना के क्षेत्र में पीछे होते जा रहे हैं ।हमारे पदाधिकारी हमारा सहयोग नहीं करते हैं। आपकी दहाड़ म्याऊं म्याऊं क्यों होती जा रही है। आपके अधिकारों को कुचला जा रहा है। आप जगे और लोगों को भी जगाएं। यदि हम बाबा साहब के अनुयाई है तो समाज को जगाएं। मौके पर समाजसेवी नंदलाल ,डॉ. प्रेम कुमार सहीत कई अन्य उपस्थित रहे तथा अपनी बातों को रखा।