पटनाबिहार

कलश यात्रा के साथ शक्तिधाम में आठ दिवसीय भागवत कथा प्रारम्भ

श्रीमदभागवत कलियुग में भगवान् की प्रसन्नता तथा पूर्वजों की सद्गति का एकमात्र साधन ग्रन्थ है- चंद्रभूषणजी मिश्र

अनुज श्रीवास्तव/रंजीत सिन्हा
बिहार/पटना। मोदी परिवार द्वारा शक्तिधाम में आयोजित भागवत कथा के प्रारंभ में महिलायें शोभा यात्रा में लाल पीली साड़ी पहने अपने सर पर कलश रखे एवं पुरुष अपने माथे पर भागवत पुराण रखे हुए शक्तिधाम मंदिर से निकले। यह शोभा यात्रा बैंक रोड स्थित शक्तिधाम से निकलकर कथा-स्थल शक्तिधाम बैंक रोड पर पहुंची। कथा में यजमान बिनोद मोदी,पप्पू मोदी,रमेश मोदी,अरुण एवं रेखा मोदी थे।आज की भागवत कथा को प्रारंभ करते हुए शास्त्रोपासक आचार्य डॉ चंद्रभूषणजी मिश्र ने कहा कि श्रीमदभागवत कलियुग में भगवान् की प्रसन्नता तथा पूर्वजों की सद्गति का एकमात्र साधन ग्रन्थ है। भागवतजी के एक-एक अक्षर में भगवान् श्रीकृष्ण स्वयं निवास करते हैं। आचार्य श्री ने कहा कि वर्तमान में हमें अपने बच्चे को अच्छे संस्कार देने की जरुरत है जो भागवत के माध्यम से ही दिया जा सकता है। आचार्य श्री ने कहा कि भागवत कथा सात दिनों में पूरा करने का विधान है क्योंकि इन्ही सात दिनों, सोमवार से रविवार में ही सभी की मृत्यु होती है। आचार्य श्री ने कहा कि वृन्दावन में राधा राधा जपने वाले बहुत हैं लेकिन समझते नहीं हैं . कहा कि व्यक्ति में तीन पीढ़ी का प्रभाव पड़ता है .

आचार्य श्री ने कहा कि महाभारत में अभिमन्यु की मृत्यु के बाद उनकी माता अत्यधिक शोकाकुल हो गयी थी . जब अर्जुन अश्वथामा को मारने लगे तो द्रौपदी ने मना कर दिया . कहा कि बेटे के मरने पर माता बहुत अधिक दुखी होती है अतः अश्वथामा को मत मारो . आचार्य श्री ने कहा कि श्रीकृष्ण वराह रूप धारण कर जल में पड़ी हुई धरती को जल के ऊपर रखते हैं . इसी पृथ्वी पर सृष्टि का विस्तार हुआ . आचार्य श्री ने कहा कि वराह को हमलोग निकृष्ट मानते हैं लेकिन भगवत में इसे प्रेम का प्रतीक माना जाता है . आचार्य श्री ने कहा कि भगवान की दो पत्नियां हैं एक श्रीदेवी एवं दूसरी भूदेवी . श्रीदेवी मतलब चल एवं भूदेवी मतलब अचल संपत्ति एवं सभी संपत्ति के मालिक हैं भगवान् श्रीकृष्ण. एम पी जैन ने बताया कि आज की पूजा में अमर अग्रवाल, पी के अग्रवाल, ओम पोद्दार, राजकुमार अग्रवाल, सूर्य नारायण, रौशन सर्राफ,संतोष केडिया सहित सैकड़ों लोग उपस्थित थे।

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