अनुज श्रीवास्तव/रंजीत सिन्हा
बिहार/पटना। शुक्रवार को पुर्णाहुति पर हवन में यजमान बिनोद मोदी, पप्पू मोदी, रमेश मोदी, अरुण मोदी, अमर अग्रवाल, रेखा मोदी सहित कई लोग बैठे थे. हवन के साथ पूर्णाहुति पर शास्त्रोपासक आचार्य श्री डॉ चंद्रभूषणजी मिश्र ने अग्नि के महत्व को बताया कि भारतीय परम्परा में अग्नि का विशेष महात्म है . जीवन की शुरुवात भी अग्नि की साक्षी से है और अन्तियेष्टि भी अग्नि से है . स्वाहा और स्वधा के द्वारा हम देवता और पितर तक पहुँच जाते हैं .अग्नि में स्वाहा कहकर जो डाला जाता है वह परमात्मा को प्राप्त होता है . इसीलिए सनातन परम्परा में किसी भी अनुष्ठान के बाद हवन का विधान है .
हवन करने में जिस मात्र में तिल जाता है उसका आधा चावल और चावल का आधा जौ डालने का शात्र में विधान है . तिल देवता का , चावल मनुष्यों का और जौ पितरों का होता है. इन तीनो अनाज से संतान मजबूत एवं संस्कारी होते हैं . आचार्य श्री ने कहा कि किसी भी जप या पाठ के दशवें हिस्सा की संख्या से आहुति देना प्रमाणित माना जाता है . आचार्य श्री ने कहा कि भागवत की पूर्णाहुति भी अग्नि में आहुति देकर की जाती है क्योंकि अग्नि साक्षी भी है और वायु प्रदूषण दूर करती है .
भागवत की समाप्ति पर आज भंडारा महाप्रसाद का आयोजन किया गया . आज के भंडारा में करीब एक हजार से अधिक श्रद्धालुओं ने प्रसाद ग्रहण किया