अनुज श्रीवास्तव/रंजीत सिन्हा
बिहार/बिहटा। शिक्षा जीवन को और जीवन राष्ट्र को समर्पित होनी चाहिए।आज के शोधकर्ताओं और वैज्ञानिकों को आवश्यकता के अनुसार नये आविष्कारों के लिए निरंतर प्रयासरत रहना चाहिए। व्यावहारिक और उद्देश्यपूर्ण नवाचार पर जोर देने वाली इस प्रक्रिया में शोधकर्ताओं और वैज्ञानिकों की भूमिका महत्वपूर्ण है। उक्त बातें सिक्किम के राज्यपाल लक्ष्मण प्रसाद आचार्य ने आईआईटी पटना में ऊर्जा, बुनियादी ढांचे और आपदा प्रबंधन में भू-तकनीकी मुद्दों पर आयोजित तीन दिवसीय दूसरे अंतर्राष्ट्रीय सम्मेलन (आईसीजीईआईडी 2024) के समापन समारोह में कही। आगे राज्यपाल ने एकजुट भविष्य की अवधारणा की कल्पना की, जहां ‘एक पृथ्वी, एक भविष्य, एक परिवार मिलकर बेहतर कल का निर्माण करेगा और भारत 2047 तक दुनिया का नेतृत्व करेगा।
आईआईटी पटना के सिविल और पर्यावरण इंजीनियरिंग विभाग,सीएसआईआर-
सेंट्रल इंस्टीट्यूट ऑफ माइनिंग एंड फ्यूल रिसर्च धनबाद, झारखंड और जियोट्रोपिक, यूनिवर्सिटी टेक्नोलॉजी, मलेशिया ने 18-20 जनवरी 2024, ऊर्जा, बुनियादी ढांचे और आपदा प्रबंधन में भू- तकनीकी मुद्दों पर अत्यधिक सफल दूसरे अंतर्राष्ट्रीय सम्मेलन की मेजबानी की।
राज्यपाल लक्ष्मण आचार्य की उपस्थिति से सुशोभित इस कार्यक्रम में आईआईटी पटना के सम्मानित निदेशक प्रोफेसर टीएन सिंह के असाधारण नेतृत्व में वैश्विक गणमान्य व्यक्तियों की सक्रिय भागीदारी देखी गई।
इस सम्मेलन में 17 कीनोट वक्ताओं, 14 थीम वक्ताओं और 10 उद्योग विशेषज्ञों की प्रस्तुतियों की एक शानदार श्रृंखला शामिल थी। सिक्किम, हिमाचल प्रदेश और उत्तराखंड जैसे पहाड़ी क्षेत्रों में ढलान अस्थिरता को रोकने के समाधानों पर ध्यान केंद्रित करते हुए, इस सम्मेलन में दुनिया भर से 165 शोध पत्र प्रस्तुत किए गए।
उत्कृष्ट योगदान की सराहना करते हुए, सर्वश्रेष्ठ पेपर का पुरस्कार अभिषेक दत्ता (आईआईटी (आईएसएम), धनबाद), सुश्री अंकिता सोनकर (डीटीयू), चिन्मय सेठी(सीएसआईआर- सीआईएमएफआर, एसीएसआईआर), ऋषभ द्विवेदी (आईआईटी बॉम्बे), मोहम्मद अनीसुर रहमान, अमित जायसवाल और सौरभ चक्रवर्ती (सभी आईआईटी पटना) को प्रदान किया गया। एसजेवीएनएल के अक्षय आचार्य को सिल्कयारा टनल के हीरो के रूप में सम्मानित किया गया, जबकि आरडीसी कंक्रीट (इंडिया) प्राइवेट लिमिटेड के अनिल बंछोर को सर्वोत्तम पर्यावरण प्रथाओं के लिए ग्रीन प्लैटिनम पुरस्कार मिला।
सम्मेलन की सफलता का श्रेय संयोजक डॉ. अमित कुमार वर्मा और सह-संयोजक डॉ. अरविंद कुमार झा और उनकी पूरी आयोजन समिति के अथक प्रयासों को जाता है| उनके समर्पण ने आयोजन के निर्बाध निष्पादन को सुनिश्चित किया।
आईआईटी पटना में ऊर्जा, बुनियादी ढांचे और आपदा प्रबंधन में भू-तकनीकी मुद्दों पर दूसरे अंतर्राष्ट्रीय सम्मेलन ने निस्संदेह क्षेत्र में ज्ञान की उन्नति में महत्वपूर्ण योगदान दिया है और भविष्य के प्रयासों के लिए सकारात्मक दिशा तय की है।