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सबका जम्मू कश्मीर
चंडीगढ़: बसंत पंचमी का जीवंत और उल्लासपूर्ण पर्व चंडीगढ़ के सेक्टर 13, मनीमाजरा स्थित कलाग्राम में जेके डोगरा सभा और नॉर्थ ज़ोन कल्चरल सेंटर (NZCC) द्वारा बड़े ही जोश और उत्साह के साथ मनाया गया। इस आयोजन में त्रिनेत्र क्षेत्र (Trinity Region) में बसे डोगरा समुदाय के लोगों ने भारी संख्या में भाग लिया। यह पर्व केवल उत्सव का ही नहीं, बल्कि डोगरा सांस्कृतिक विरासत, एकता और परंपराओं का जश्न मनाने का अवसर भी बना।
श्रीमती आरती शर्मा (शिक्षाविद)
इन सभी को “प्राइड ऑफ डोगरा” (Dogra Pride) सम्मान से नवाजा गया। इनके अथक प्रयासों और संगीत एवं संस्कृति के क्षेत्र में योगदान को सम्मानित करने के लिए यह सम्मान दिया गया।
“डोगरा रत्न” से सम्मानित हुईं निधि डोगरा शर्मा
इसके अतिरिक्त, श्रीमती निधि डोगरा शर्मा (संरक्षक, दुग्गर समाज ट्रस्ट, मुंबई), जो कि एक प्रसिद्ध समाजसेवी और डोगरा समुदाय की प्रखर समर्थक हैं, को “डोगरा रत्न” (Dogra Rattan) सम्मान से नवाजा गया। यह सम्मान उन्हें डोगरा समुदाय के हितों को आगे बढ़ाने, उनकी सांस्कृतिक धरोहर को संरक्षित करने और डोगरी भाषा को प्रोत्साहित करने के लिए दिया गया।
डोगरी भाषा और संस्कृति के संरक्षण का संकल्प
यह आयोजन न केवल बसंत पंचमी के त्योहार को मनाने के लिए आयोजित किया गया था, बल्कि इसका मुख्य उद्देश्य डोगरी भाषा और संस्कृति को संरक्षित और बढ़ावा देना था। सांस्कृतिक कार्यक्रमों, लोक नृत्यों, गायन और वक्तव्य के माध्यम से डोगरी भाषा की प्रासंगिकता को रेखांकित किया गया। यह आयोजन इस बात पर बल देता है कि आने वाली पीढ़ियों के लिए डोगरी भाषा को जीवंत और सशक्त बनाए रखना कितना आवश्यक है।
“डोगरी धाम” बना आकर्षण का केंद्र
इस आयोजन में “डोगरी धाम” (Dogri Cuisine) विशेष आकर्षण का केंद्र रहा। इसका उद्देश्य युवा पीढ़ी के बीच डोगरी व्यंजनों को लोकप्रिय बनाना और उनकी पारंपरिक भोजन संस्कृति से जोड़ना था।
भविष्य में भी जारी रहेगा प्रयास
कार्यक्रम के अंत में, आयोजकों ने सभी उपस्थित लोगों का आभार व्यक्त किया और आश्वासन दिया कि डोगरा संस्कृति और भाषा के प्रचार-प्रसार के लिए इस तरह के आयोजन भविष्य में भी जारी रहेंगे। यह सुनिश्चित किया जाएगा कि डोगरा संस्कृति भारत की समृद्ध सांस्कृतिक धरोहर का एक अभिन्न अंग बनी रहे।