अनुज श्रीवास्तव/अवनीश सिंह
उ.प्र./गाजीपुर। जी हां एक डॉक्टर साहब जिनका नाम अवधेश कुमार है जो मनिहारी सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र पर वर्तमान में तैनात है।उनकी हालत यह है कि यह आए दिन मरीज से बदतमीजी से पेश आते रहते हैं।लोगों ने बताया यह लड़ाई झगड़ा करने पर भी उतारू हो जाते हैं।जब कुछ लोगों की शिकायत पर एक पत्रकार मनिहारी सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र पर पहुंचा तो पत्रकार ने अपने को पत्रकार नहीं बताया बल्कि एक सामान्य आदमी की तरह किसी कर्मचारी से डॉक्टर धर्मेंद्र कुमार का मोबाइल नंबर मांगा तो उसे कर्मचारियों ने बताया की डॉक्टर अवधेश कुमार से नंबर ले लीजिए।जब पत्रकार ने अवधेश कुमार से नंबर मांगा तो डॉक्टर अवधेश कुमार ने कहा जाइए बोर्ड पर लिखा है।पत्रकार ने बोर्ड का नंबर लगाने की कोशिश की तो नंबर उपयोग में नहीं है इस तरीके के टोन आते रहे।फिर पत्रकार ने डॉक्टर अवधेश कुमार से कहा कि साहब यह नंबर नहीं लग रहा है हमें कोई नंबर उपलब्ध करा दें।तो अवधेश कुमार ने पूरे जोरदार आवाज में कहा उनके आवास पर जाकर मिलो।अब प्रश्न यह उठता है की क्या कोई मरीज डॉक्टर के आवास पर जाकर मिलेगा?जबकि उस समय डॉक्टर धर्मेंद्र कुमार लंच के लिए ही आवास पर गए थे।और कुछ समय बाद फिर डॉक्टर धर्मेंद्र कुमार हॉस्पिटल पर लंच करके आ गए।जब इस बाबत डॉक्टर अवधेश कुमार की शिकायत डॉक्टर धर्मेंद्र कुमार से की गई तो उन्होंने बताया कि हम उनके स्वभाव को तो नहीं बदल सकते।हमने इनको बहुत समझाया है।लेकिन यह अपनी आदतों से बाज नहीं आते।आए दिन तू तू मैं मैं करते रहते हैं।हम क्या करें।इस बाबत सीएमओ दीपक देशमुख पाल से जब बात की गई तो उन्होंने बताया की ठीक है हमने नाम नोट कर लिया है।हम मीटिंग से निकलेंगे तो फिर हम बात करेंगे।डॉक्टर अवधेश कुमार अपने को जनरल फिजिशियन बताता है।लेकिन क्या एक जनरल फिजिशियन का व्यवहार इस तरीके से हो कि वह सामान्य आदमी के साथ ऐसे पेश आए।और जब पत्रकार ने कहा कि मैं एक पत्रकार हूं तब डॉक्टर ने कहा कि आपको बताना चाहिए कि हम पत्रकार हैं तब हम आपके साथ सही से पेश आते।आपने हमें नहीं बताया कि हम पत्रकार हैं।प्रश्न यह उठता है कि यह डॉक्टर अवधेश कुमार क्या सभी मरीजों के साथ इसी तरीके से पेश आता है? बता दे की यही वह हॉस्पिटल है जिस पर एक कर्मचारी जो की रेबीज के इंजेक्शन लगाने पर 20 से ₹50 वसूली करता था।जब यह मामला पत्रकारों के संज्ञान में आया तो आनन फानन में स्वास्थ्य विभाग के अधिकारियों ने उसका ट्रांसफर रेवतीपुर के लिए कर दिया।अब तो यही लगता है की मनिहारी सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र लूट खसोट के साथ अब अमानवीय व्यवहार का भी अड्डा बना है।अब देखते हैं की मुख्य चिकित्सा अधिकारी गाजीपुर इस अमानवीय व्यवहार करने वाले डॉक्टर पर क्या कार्रवाई करते हैं?