फुलवारी शरीफबिहार

नाट्योत्सव में ‘चांदी का चमचा’ नाटक का हुआ मंचन

अनुज ‌‌श्रीवास्तव/रंजीत सिन्हा
बिहार/फुलवारी शरीफ। रविवार को रंग नाट्योत्सव का आयोजन सर्वमंगला सांस्कृतिक मंच वाल्मी, फुलवारी शरीफ पटना के द्वारा संस्था के सभागार में किया गया।
कार्यक्रम का उद्घाटन मंच के सचिव महेश चौधरी,कामेश्वर प्रसाद,मिथिलेश कुमार पांडे एवं अशोक कुमार श्रीवास्तव के द्वारा संयुक्त रूप से दीप प्रज्वलित कर किया गया। मंच के संचालन में महेश चौधरी ने खूब तालियां बटोरी।
हबीब तनवीर द्वारा लिखित
एवं मिथिलेश कुमार पांडे द्वारा निर्देशित नाटक- “चांदी का चमचा” का मंचन सर्वमंगला सांस्कृतिक मंच के कलाकारों ने किया। इस दौरान हारमोनियम पर सौरभ राज एवं नाल पर कामेश्वर प्रसाद थे।
नाटक के माध्यम से दिखाया गया कि बड़े शहरों में रहने वाले लोग अपने पड़ोसियों व आसपास का बिल्कुल ख्याल नहीं रखते हैं। यहां तक की खुद की सुविधा के लिए दूसरों पर कूड़ा फेंकने से भी बाज नहीं आते हैं और अपनी गलती को स्वीकार नहीं करते हुए दूसरे से उलझ भी जाते हैं।
प्रस्तुत नाटक में -एक महिला अपने घर को साफ-सुथरा कर सारा कुड़ा-कचरा अपने मोहल्ले में फेंककर गंदगी फैलाती रहती है। इस आदत से पड़ोसी काफी परेशान रहते हैं। पड़ोसी का मित्र एक दिन रंगे हाथों उसे पकड़ने के लिए आवाज़ देता है कि फेंके गए कचरे के अंदर चांदी का चमचा किसका है? तो वह पड़ोसन खिड़की से झांक कर कहती है कि यह चमचा मेरा है। गलती से मेरे द्वारा वह फेंका गया है।तब पड़ोसी के द्वारा उस कचरे को उठाकर फेंकने के लिए कहा जाता है तो वह शर्मसार होकर उसे फेंकती है। इस दौरान उसका पैर केले के छिलके पर चले जाने से वह धड़ाम से ज़मीन पर गिरती है। सारे मोहल्ले वालें की नजरों से वह गिर जाती है। इस कृत के कारण अपने बुराई का फल उसे मिलता है। इसलिए कहा जाता है कि जैसी करनी वैसी भरनी।
नाटक के कलाकार- महेश चौधरी, मिथिलेश कुमार पांडे,पिंकी कुमारी,रुपाली कुमारी सिंहा,अशोक कुमार श्रीवास्तव,अमन कुमार , करण,रोहित,सौरभ पांडे, शशांक,आयुष,हरिकांत, रंजन ने भाग लिया।

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