
अवनीश सिंह
गाजीपुर/उत्तरप्रदेश
गाजीपुर। “मैं मंत्री का बेटा हूं…” — इसी जुमले को हथियार बनाकर विनय चौहान नामक युवक अधिकारियों पर दबाव बनाता था। खुद को कभी विनय सिंह, तो कभी अतुल चौहान बताकर, मंत्री दारा सिंह चौहान का फर्जी पुत्र बनकर वह प्रशासन के गलियारों में धौंस जमाता रहा। आखिरकार दुल्लहपुर पुलिस ने उसकी दबंगई की दुकान बंद कर दी।
गिरफ्तारी की पूरी कहानी:
सावित्री देवी निवासी ग्राम दुल्लहपुर की शिकायत पर थाना दुल्लहपुर में अपराध संख्या 107/25 धारा 308(7), 351(3) बीएनएस के तहत मुकदमा दर्ज हुआ। बुधवार को थानाध्यक्ष कृष्ण प्रताप सिंह व उप निरीक्षक संजय कुमार सिंह की टीम ने योजनाबद्ध तरीके से विनय चौहान को दुल्लहपुर रेलवे स्टेशन के पास मंदिर के पास से गिरफ्तार कर लिया।
फर्जी रसूख का सच आया सामने:
पूछताछ में अभियुक्त ने कबूल किया कि वह वर्षों से लोगों पर रौब जमाने के लिए खुद को मंत्री का बेटा बताता था। समस्याओं को लेकर पुलिस-प्रशासन पर दबाव बनाकर वह लोगों से मोटी कमाई करता था। बातचीत की रिकॉर्डिंग एडिट कर सोशल मीडिया पर डालता था ताकि खुद को रसूखदार दिखा सके। उसकी मंशा थी जिला पंचायत चुनाव लड़ने की और इसी बहाने वह खुद को “स्थानीय नेता” के रूप में स्थापित करने की फिराक में था।
आपराधिक इतिहास भी उजागर:
गिरफ्तारी के बाद उसके खिलाफ एक और मुकदमा मु.अ.सं. 106/25 धारा 319(2), 318(4) बीएनएस व 72 आईटी एक्ट के तहत दर्ज किया गया है।
झूठी शान का बादशाह, असलियत में मामूली ठग:
दुल्लहपुर थाना क्षेत्र के देवरीबारी गांव निवासी विनय चौहान, खुद को कभी “विनय सिंह चौहान”, तो कभी “अतुल चौहान” बताकर, मंत्री दारा सिंह चौहान का फर्जी पुत्र बन बैठा था। अधिकारी, कर्मचारी, आम जनता — सबको मोबाइल कॉल पर धमका-धमकाकर अपना उल्लू सीधा करता रहा। बातों की रिकॉर्डिंग एडिट कर सोशल मीडिया पर पोस्ट करता, ताकि लोग उसे कोई VIP समझें।