बिहारबेतिया

अशोक धम्म विजय दिवस मनाया गया

अनुज श्रीवास्तव/संजय राव
बिहार/बेतियां ।स्थानीय ईलम राम चौक स्थित पंचशील बुद्ध विहार में मंगलवार की देर शाम सम्राट अशोक धम्म विजय दिवस हर्षोल्लास के साथ मनाया गया। इस अवसर पर रिटायर्ड डीएसपी समाजसेवी रामदास बौद्ध ने कहा कि सम्राट अशोक ने टुकड़े-टुकड़े भारत को जोड़कर बहुत बड़ा साम्राज्य स्थापित किया था। जो इराक तक पहुंच गया था। यहां भी सम्राट अशोक के स्तूप मिलते हैं ।वैसे सम्राट अशोक का हृदय परिवर्तन कलिंग युद्ध के बाद होता है ।इतिहासकारों के अनुसार कलिंग युद्ध के बाद हृदय परिवर्तन होता है और बौद्ध धर्म का शिक्षा- दीक्षा ग्रहण करते हैं और अपने पुत्र- पुत्री महेंद्र एवं संघमित्रा को धर्म के प्रचार- प्रसार के लिए देश-विदेश भेजते हैं ।आज भी बोधि वृक्ष श्रीलंका में है ।सम्राट अशोक 84000 स्तूप और स्तंभ बनवाए थे। बौद्ध धर्म के प्रचार प्रसार के लिए उसे पर प्राकृत भाषा में खुदवाया गया था। वह इतना दयालु हो गए थे कि पशु- पक्षी तक के लिए अस्पताल बनवाया। वही समाजसेवी नंदलाल ने कहा कि विश्व के राजाओं में सम्राट अशोक जैसा कोई नहीं था ।सम्राट इसलिए कहा जाता है कि 7000 किलोमीटर से ज्यादा क्षेत्र में उनका राज्य था ।वह एक शक्तिशाली सम्राट थे ।सम्राट अशोक का कलिंग युद्ध के बाद हृदय परिवर्तन हो जाता है ।युद्ध में वह बूढ़े -बच्चों को बेबस देखते हैं जो उनका हृदय परिवर्तन का कारण बनता है। अशोक चक्र उन्ही की देन है ।आदमी में तीन चीज होना चाहिए सपना देखाना,साहस तथा संघर्ष होना चाहिए ।उसे समय का शिल्प शेर वीरता तथा संघर्ष का प्रतीक है और बैल मेहनत का प्रतीक है। वहीं शिक्षक हरे कृष्णा ने कहा कि भारतीय इतिहास में दो ही को महान कहा गया है एक सम्राट अशोक और दूसरा अकबर जिन्हें महान कहा गया है ।वही ओबीसी- दलित एकता मंच के संयोजक एस.के. राव ने कहा कि महान सम्राट अशोक ने जिस धम्म का प्रचार -प्रसार किया उसकी आवश्यकता आज पूरे विश्व में महसूस की जा रही है ।क्योंकि शांति -अहिंसा का पाठ महात्मा बुद्ध के संदेशों में साफ देखा जा सकता है और उसे बढ़ाने का काम सम्राट अशोक ने किया ।हमें उनके सपनों को सरकार करने की आवश्यकता है ।जबकि उषा बौद्ध ने कहा कि समाज में आज भी सम्राट अशोक के संदेशों की आवश्यकता है। मौके पर शंभू पटेल सहित कई अन्य उपस्थित रहे तथा अपनी बातों को रखा।

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